मथुरा के इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की रिफाइनरी में मंगलवार शाम गैस रिसाव से तेज धमाके के साथ आग लग गई। धमाका इतनी तेज था कि उसकी आवाज काफी दूर तक सुनाई दी। बताया जा रहा है कि यूनिट चालू करने के दौरान ये हादसा हुआ है। हादसे में 10 लोग घायल हो गए हैं, जबकि तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों में की हालत चिंताजनक होने के कारण उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। करीब आधे घंटे में आग पर काबू पाया जा सका। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर संज्ञान लिया है और अधिकारियों के मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
डेढ़ महीने बाद फिर से चालू हो रहा था प्लांट
रिफाइनरी में स्थित एड्रिकफेरिक वैक्यूम यूनिट में क्रूड ऑयल को फिल्टर किया जाता है। इस प्लांट में मरम्मत का कार्य चल रहा था। इसलिए 40 दिन से प्लांट बंद था। सूत्रों ने बताया कि यह शक्तिशाली विस्फोट रात करीब 8.30 बजे हुआ जब मुख्य संयंत्र को डेढ़ महीने की बंदी के बाद फिर से शुरू किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक उसमें आग लग गई। 10 लोग इसकी चपेट में आ गए। हादसे की वजह फर्निश लाइन हीट होना बताया जा रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ने बताया कि मथुरा में रिफाइनरी से आग की लपटें उठने के बाद जोरदार विस्फोट की आवाज सुनी गई। उन्होंने बताया कि आग की लपटें कई किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं क्योंकि आग ने रिफाइनरी को अपनी चपेट में ले लिया था।
कई किलोमीटर तक दिखी आग की लपटें
आग की लपटें इतनी तेज थीं कि आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित रिफाइनरी के बाहर कई किमी तक वह दिखाई दे रही थीं। आग की चपेट में आकर वहां मौजूद प्लांट के प्रोडक्शन मैनेजर राजीव अग्रवाल के साथ ही प्रोडक्शन मैनेजर समीर श्रीवास्तव, कर्मचारी इरफान, हरिशंकर, मूलचंद, सत्यभान, संतोष, अजय शर्मा बुरी तरह झुलस गए। सभी को रिफाइनरी में स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां अधिक झुलसे राजीव अग्रवाल के साथ ही इरफान और समीर को दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया, जबकि बाकी का उपचार स्थानीय स्तर पर चल रहा है।
