मणिपुर में हालात एक बार फिर से बिगड़ रहे हैं। शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर हमला किया। यह घटनाक्रम मणिपुर में हाल ही में नदी से निकाले गए लापता छह लोगों में से तीन के शवों के मिलने के एक दिन बाद हुआ। इस हमले के बाद राज्य सरकार ने पांच जिलों में अनिश्चितकाल के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी और कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दीं। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के हालात बिगड़ रहे हैं, स्थिति पर नियंत्रण पाने की हर संभव कोशिश की जा रही है।
दो मंत्री, 5 विधायकों के घरों को बनाया निशाना
प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को मणिपुर सरकार के दो मंत्रियों और पांच विधायकों के घरों को निशाना बनाते हुए आग के हवाले कर दिया। इनमें मंत्री सपम रंजन लांफेल और एल सुसिंद्रो सिंह के अलावा विधायक एस कुंजाकेसर, आरके इमो और केएच जॉयकिसन शामिल हैं। हिंसा के दौरान दुकानों और वाहनों को भी जलाया गया और राज्य के कई प्रमुख रास्ते जाम कर दिए गए, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। इससे पहले शनिवार 16 नवंबर की रात को मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के निजी आवास को भी प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट जिलों में बिगड़ती स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत कर्फ्यू लागू कर दिया।
दरअसल, सोमवार को छह लोग लापता हो गए थे। लापता होने वालों में तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे, जिसके बाद इनके शव बराक नदी से बरामद किए गए। शव मिलने के बाद से ही हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। हालात बिगड़ते देख इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर में शनिवार शाम 4.30 बजे से अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही नफरती वीडियो ना फैले इसके लिए इंफाल पूर्व, इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कांगपोकपी और चुराचांदपुर में इंटरनेट को बैन कर दिया गया है। इम्फाल में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सेना और असम राइफल्स के जवानों की तैनाती की गई है। फ्लैग मार्च निकाला गया। भीड़ को तितर-बितर करने के क्रम में आठ लोग घायल हुए हैं।
