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क्या है Digital House Arrest? जानिए इससे बचने और हैकर्स को पहचानने के तरीके!

Digital House Arrest: इंटरनेट की दुनिया में साइबर अपराधी हर दिन लोगों को ठगने का कोई न कोई नया तरीका ढूंढते रहते हैं. डिजिटल दुनिया में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधियों के लिए एक नया शब्द गढ़ा गया है, जिसे ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ कहा जाता है. साइबर अपराधी बिल्कुल अलग तरीके से लोगों को ठगते हैं और पैसे लुटाते है. इसके कारण लोगों में काफी डर का माहोल बना हुआ है. हर कोई अपनी साइबर सुरक्षा को लेकर सजग है और इसके बारे में जानने तथा इससे बचने के उपायों को जानना चाहता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि यह डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है, इसका उदाहरण और इससे बचने के उपाय.

क्या है डिजिटल हाउस अरेस्ट ?

साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल हाउस अरेस्ट का तरीका बिल्कुल नया है. ये स्कैमर नए-नए तरीकों से लोगों को ठगते हैं. ये साइबर अपराधी फर्जी पुलिस, सीबीआई या कस्टम अधिकारी बनकर लोगों को कॉल करते हैं और उन्हें धमकाकर घर पर बंधक बना लेते हैं. इतना ही नहीं, साइबर अपराधी क्रेडिट कार्ड, यूपीआई, ओटीपी, प्रोडक्ट डिलीवरी और नौकरी देने जैसे कई तरीकों से लोगों को ठगते हैं. यहीं से ठगी का खेल शुरू होता है. इस तरह के स्कैम को डिजिटल हाउस अरेस्ट कहा जाता है. रिजर्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 के दौरान देश में 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी हुई है.

आपको बता दें, ये साइबर अपराधी ऑडियो या वीडियो कॉल, एआई-जनरेटेड वॉयस या वीडियो कॉल के जरिए पुलिस या अधिकारी बनकर लोगों को धमकाते हैं और दावा करते हैं कि व्यक्ति के आधार कार्ड या फोन नंबर का गलत इस्तेमाल किया गया है. जिसके बाद लोग डर जाते हैं, और ये अपराधी लोगों में गिरफ्तारी का डर पैदा कर उन्हें अपने घरों में कैद होने के लिए मजबूर करते हैं और बड़ी रकम की मांग करते हैं.

ऐसे अपराधी बनाते हैं लोगों को शिकार

डिजिटल हाउस अरेस्ट का शिकार तमाम लोग हो चुके हैं. उदाहरण के लिए, नोएडा में एक महिला डॉक्टर से 60 लाख रुपये की ठगी की गई. साइबर अपराधियों ने खुद को भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताकर महिला डॉक्टर को फर्जी वारंट की धमकी दी और 60 लाख रुपये ठग लिए. महिला के मुताबिक, 13 जुलाई को एक व्यक्ति ने उन्हें TRAI अधिकारी बताकर कॉल किया और आरोप लगाया कि उनके नाम से रजिस्टर्ड दूसरे फोन नंबर का इस्तेमाल अश्लील वीडियो खरीदने के लिए किया गया था.

इसके बाद साइबर अपराधियों ने महिला डॉक्टर को धमकाया और वीडियो कॉल जॉइन करने को भी कहा. इतना ही नहीं, इस वीडियो कॉल के दौरान उन्होंने महिला डॉक्टर को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखने की कई धमकियां भी दीं और परिवार को नुकसान पहुंचाने की बात भी कही. इतना सब होने के बाद महिला डॉक्टर डर गई और साइबर अपराधियों के जाल में फंस गई और 15 से 16 जुलाई के बीच उसने अपने बैंक खाते से 59,54,000 रुपये जालसाजों के खाते में ट्रांसफर कर दिए.

हालांकि बाद में जब यह मामला नोएडा साइबर क्राइम के सहायक पुलिस आयुक्त विवेक रंजन राय के संज्ञान में आया तो उन्होंने बताया कि, महिला डॉक्टर के खिलाफ किसी भी तरह का अश्लील वीडियो पोस्ट करने के आरोप में एफआईआर और गिरफ्तारी वारंट की जो जानकारी दी गई है, वह पूरी तरह से गलत है. अब पुलिस इस मामले में जांच में जुटी हुई है.

डिजिटल हाउस अरेस्ट से ऐसे बचें

  • अगर आपके पास किसी भी तरह का कॉल आता है जिसमें आपसे आपका आधार कार्ड, पैन कार्ड या बैंकिंग डिटेल्स शेयर करने के लिए कहा जाता है और कहा जाता है कि हम कंपनी की तरफ से बोल रहे हैं तो तुरंत मना कर दें. अगर आप इसे शेयर करते हैं तो आपकी निजी जानकारी शेयर हो जाएगी और आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो सकते हैं.
  • अगर आपको किसी तरह का फोन आता है और वो आपका पिन या ओटीपी मांगता है तो तुरंत मना कर दें, क्योंकि सरकारी-गैरसरकारी संस्थाएं आपसे ये चीजें नहीं मांगती हैं. इसलिए कोशिश करें इस तरह के कॉल आए तो तुरत सतर्क हो जाये.
  • अपने सोशल मीडिया और बैंक अकाउंट का पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें और कोशिश करें कि पासवर्ड ऐसा रखें कि कोई उसे समझ न सके, ताकि आप ऑनलाइन फ्रॉड से भी बच सकें.
  • सोशल मीडिया और ईमेल आदि का पासवर्ड टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) सेटिंग से जरूर लिंक करें. यह सेटिंग आपके अकाउंट की सुरक्षा को बेहतर बनाती है और ठगी से भी आप बचे रहेंगे.
  • यदि आपको एसएमएस या ईमेल के माध्यम से कोई संदेश प्राप्त होता है और उसमें कोई संदिग्ध लिंक है और आपको उस पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है, तो उससे बचें, क्योंकि यदि आप उस पर क्लिक करते हैं, तो आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.
  • साइबर क्राइम से जुड़ी धोखाधड़ी से सावधान रहें और लोगों को भी इस बारे में बताएं और अलर्ट रहें. कोशिश करें कि खबरें देखते रहे और सतर्क रहें.
  •  साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने Sanchar Saathi में Chakshu नाम से पोर्टल लॉन्च किया है. इसके अलावा साइबर क्राइम से जुड़ी दिक्कत को लेकर आप अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट कर सकते हैं.
  • यदि आप किसी वेबसाइट पर काम कर रहे हैं तो https जैसी सुरक्षित वेबसाइट का ही उपयोग करें ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे.
  • अपने फोन या लैपटॉप पर आने वाले किसी भी अनजान वीडियो कॉल को रिसीव करने से बचें. साइबर क्राइम में व्हाट्सएप का इस्तेमाल बढ़ गया है, जिसमें न सिर्फ फर्जी मैसेज आते हैं बल्कि फर्जी वीडियो कॉल भी आते हैं, इसलिए आपको सतर्क रहना चाहिए.
  • आप अगर सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते हैं तो इसे तुरंत बंद कर दें, इसका इस्तेमाल करते समय साइबर सुरक्षा का खतरा बना रहता हैं. इसलिए सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग न करें.
Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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