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Constitution Day 2024: संविधान दिवस पर पीएम मोदी बोले- ये वकीलों का दस्तावेज नहीं युग की भावना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित समारोह में संबोधन दिया। इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सबको संविधान दिवस की बधाई। भारत के संविधान का ये 75वां साल पूरे देश के लिए एक गौरव का विषय है। आज मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है। इस हमले जिनकी मृत्यु हुई उनको मैं श्रद्धांजलि देता हूं। पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज भारत परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है और भारत का संविधान हमें रास्ता दिखा रहा है। यह हमारे लिए एक मार्गदर्शक बन गया है। उन्होंने कहा कि मैं देश का यह संकल्प दोहराता हूं कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले हर आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

“संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं,युग की भावना है”

PM मोदी ने कहा कि हमारा संविधान देश की हर अपेक्षा और जरूरत पर खरा उतरा है। संविधान की ताकत के कारण ही आज बाबा साहब का संविधान जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह लागू हो पाया है। 75 वर्षों में देश के सामने जो चुनौतियां आई है, उसके लिए हमारे संविधान ने रास्ता दिखाया है। इसी दौरान इमरजेंसी भी आई। जम्मू कश्मीर में आज पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। बीते वर्षों में देश में लोगों के बीच आर्थिक और सामाजिक समानता लाने के लिए काम किया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि संविधान सभा की बहस के दौरान बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है। इसकी भावना हमेशा युग की भावना है।

हमारा संविधान मानवीय मूल्यों का प्रतीक

PM ने कहा कि हमारे संविधान में श्री राम, हनुमान, सीता, गुरु गोविंद, गौतम बुद्ध की इमेज हैं, क्योंकि वे मानवीय मूल्यों का प्रतीक हैं। संविधान में हमारी सभी समस्याओं का समाधान है। ये समय बड़े सकंल्पों की सिद्धि का है। संविधान की मूल प्रति में श्री राम, माता सीता का चित्र है। महिलाओं की भागीदारी बढाने के लिऐ नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाया गया। एक समय था जब सीनियर सिटीजन को पेंशन के लिए बैंक जाकर साबित करना होता था कि वो जीवित है आज घर बैठे काम हो रहा है। 5 लाख तक फ्री बीमा देश के लोगों को दिया जाता है।

भारत के हर नागरिक का सपना विकसित भारत है-PM मोदी

PM मोदी ने आखिरी में हल्के अंदाज में कहा कि संविधान ने मुझे जो काम दिया है, मैंने इसके मुताबिक ही काम किया है। मैंने अधिकार की सीमा में रहते हुए अपने दायित्व का निर्वाह किया है। मैंने किसी के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत के हर नागरिक का सपना विकसित भारत है। इसी ध्येय से हम काम कर रहे हैं। हमने दिव्यांगों को पहचान दिलाई है। हमने संविधान की भावना को सशक्त किया है। हमने भारतीयों को त्वरित न्याय मिले, इसके लिए नई न्याय संहिता लागू की गई है। दंड आधारित व्यवस्था अब न्याय आधारित व्यवस्था में बदल चुकी है।

 

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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