काशी में ज्ञानवापी, संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद राजस्थान के अजमेर जिले में दरगाह शरीफ के सर्वे को लेकर बुधवार को कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकार कर लिया है। जिस याचिका को कोर्ट ने स्वीकार किया है उसमें अजमेर शरीफ दरगाह को हिंदू मंदिर बताया गया है। कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के बाद नोटिस के निर्देश जारी किए। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के आदेश के बाद वहां हुई हिंसा के बाद अब अजमेर दरगाह के सर्वे को लेकर आया ये आदेश काफी अहमियत रखता है।
ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा
दरअसल,हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर की गई याचिका में अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को संकट मोचन शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई की तारीख 20 दिसंबर तय की। इस केस में दरगाह का ASI सर्वे कराए जाने की मांग की गई है, ताकि सबूत जुटाकर पता लगाया जा सके कि अजमेर दरगाह पहले शिव मंदिर थी या नहीं। कोर्ट में बहस के दौरान भगवान शिव के बाल स्वरूप की तरफ से वकील रामस्वरूप बिश्नोई ओर ईश्वर सिंह की ओर से बहस की गई। इसमें कहा गया कि दरगाह से पहले यहां शिव मंदिर था, जिसके कई साक्ष्य दस्तावेज के रूप में कोर्ट के सामने पेश किए गए। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि यह मामला हिंदू समाज की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा है। वहीं दरगाह के प्रतिनिधियों की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। कोर्ट के फैसले के बाद आगे की कार्यवाही पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान होने का दावा
हिंदू संगठन लंबे समय से अजमेर दरगाह को मंदिर बता रहे हैं। हिंदू सेवा का दावा है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में प्राचीन शिव मंदिर है। साल 2022 में हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने इसके मंदिर होने का दावा करते हुए तत्कालीन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर इसकी जांच कराने के लिए कहा था। महराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने एक तस्वीर भेजी थी, जिसमें अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान होने का दावा किया गया था। संगठन के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया था कि अजमेर दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया।
