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Rahul Gandhi: पिछ़ड़े और आदिवासियों के हक की बात करते राहुल को क्यों याद नहीं आता कांग्रेस का शासनकाल?

दिल्ली का तोलकटोरी स्टेडियम, जिसमें राहुल गांधी अपना भाषण दे रहे थे लेकिन राहुल गांधी के भाषण के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे वो फिर से एक बार राजनीति गलियारों में मजाक बनकर रह गए। दरअसल, राहुल गांधी के कांग्रेस के संविधान रक्षक कार्यक्रम के दौरान 6 मिनट बाद ही माउक बंद हो गया। जिसके बाद जोरदार हंगामा भी देखने को मिला। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहते रहे कि आप नीचे बैठ जाइए, मगर राहुल गांधी नहीं माने और जैसे इस तकनीकी दिक्कत को ठीक किया गया। राहुल गांधी ने अपना भाषण जारी रखा और अपना रटा-रटाया राग अलापने लगे और कहते नजर आए कि जो भी 3 हजार सालों से पिछड़ों और आदिवासियों की बात करते है, ऐसे ही उसका माइक बंद कर दिया जाता है।

RSS-BJP पर निशाना लेकिन कांग्रेस का काल याद नहीं!

अपने भाषण के दौरान राहुल गांधी बार-बार RSS और बीजेपी पर निशाना साध रहे थे और पिछड़े आदिवासियों के हक की बात कर रहे थे। लेकिन राहुल गांधी शायद कईं बार इस बात जरूर भूल जाते हैं कि देश में लंबे समय तक उनकी पार्टी की शासन रहा है, मगर जातिगत जनगणना और आदिवासियों के उत्थान के लिए उनकी पार्टी ने कितना काम किया। क्या वो इसे गिनवा सकते है? क्योंकि हरियाणा और महाराष्ट्र में हुई कांग्रेस और उनके सहयोगियों की हार से एक बात को साफ है कि कांग्रेस की नीतियों पर देश के लोगों को भरोसा नहीं है।

यूपी में जब अखिलेश यादव ने उन्हें एक भी सीट न देने की बात कही थी तब कांग्रेस इसका खुलकर विरोध भी नहीं कर सकी थी। क्या तब भी उनका माइक बीजेपी और आरएसएस ने बंद कर दिया था। लेकिन इतने सालों तक सिर्फ एक परिवार के चारो तरफ घूमने वाली कांग्रेस पार्टी में कितने ही आदिवासी नेताओं को कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षता सौंपी गई या फिर कितने नेताओं का नाम राष्ट्रपति या फिर प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया गया क्या वो समाज देश के नेतृत्व में अपना प्रतिनिधित्व नहीं चाहता? ये ऐसे सवाल हैं जिससे कांग्रेस अक्सर बचती हुई नजर आती है क्योंकि दूसरे पर सवाल खड़े करना आसान होता है।

स्टीफन पेवर की किताब में खुली कांग्रेस की पोल

वही चलिए आपको एक बेहद दिलचस्प जानकारी भी दिए चलते हैं अपनी एक किताब The Rights of Indians and Tribes: The Basic ACLU Guide to Indian and Tribal Rights, 1992 में स्टीफन पेवर नाम के लेखक कांग्रेस की जनजातियों के बारे में सोच को दर्शाते हैं। किताब में एक चैप्टर है जिसका शीर्षक है Congress seeks to abolish tribes, relocate American Indians मतलब है कांग्रेस जनजातियों को खत्म करना, अमेरिकी भारतीयों को स्थानांतरित करना चाहती है। आप जब इसे पढ़ेंगे तो खुद ही फैसले कर सकेंगे कि कांग्रेस की सोच शुरु से ही आदिवासियों और जनजातियों के प्रति किस तरह की रही है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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