देवेंद्र फडणवीस पहली बार जब मुबंई की गद्दी पर बैठे तो उनको पीएम फेस बताया गया.कभी बात-बात पर सियासी बखेड़ा खड़ा करने वाले देवेंद्र फडणवीस अब नाप तोल कर बात करते नज़र आते हैं.सियासत में कब कितना किसको तब्बजों देना है ये फडणवीस बहुत अच्छे तरीके से समझते हैं.तभी तो महाराष्ट्र में बीजेपी ने क्लीन स्वीप कर दिया.देवेंद्र फडणवीस को तुनकमिजाजी और फायरब्रांड छवि की वजह से महाराष्ट्र की सियासत में जाना जाता है…..सीएम रहते हुए फडणवीस ने राज ठाकरे को गली छाप गुंडा और अजित पवार को सरकार आने पर जेल में डालने की बात कही थी.फडणवीस के इस फायर अंदाज और बेबाकी के लोग दिवाने थे, तभी तो वो महाराष्ट्र के लोगों के लिए ऐसी पंसद बन गए हैं कि उनके आने के बाद बीजेपी को कोई महाराष्ट्र की सत्ता से हिला नहीं पाया.भले ही कुछ समय के लिए बीजेपी यहां की सत्ता से बेदखल रही लेकिन फडणवीस ने ऐसा दांव चला की सराकार बिखर गई और बीजेपी ने दुबारा सत्ता पा ली.
आज फडणवीस का बयान महाराष्ट्र बीजेपी के लिए आखिरी बयान माना जाता है.आप इसी बात से उनकी कद का अंदाजा लगा सकते हैं.2013 में मोदी के पीएम बनते ही बीजेपी ने महाराष्ट्र की कमान फडणवीस के हाथ सौंप दी.कहा जाता है फडणवीस की सिफारिश संघ ने की, वो नागपुर के ही रहने वाले है और संघ का मुख्यालय भी वहीं पर है.फडणवीस ने महाराष्ट्र का अध्यक्ष बनते ही बीजेपी की कीले को वहां दुरुस्त करने का काम शुरु कर दिया.जिसका असर 2014 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला. बीजेपी को यहां बड़ी जीत मिली.इसके ठीक 6 महीन बाद यहां विधानसभा के चुनाव हुए और बीजेपी को बंपर जीत मिली और पार्टी ने फडणवीस के काम से खुश होकर उनको सूबे की कमान सौंप दी.आमतौर पर महाराष्ट्र की सत्ता ओबीसी या फिर मराठा के हाथ में रही है और फडणवीस ब्राह्मण समाज से आते है इसलिए भी बीजेपी ने उनके हाथ में सत्ता सौंपी.
इस बार के चुनाव में भी फडणवीस ने अपने विरोधियों को धुल चटा दिया और गठबंधन में भी बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई.फडणवीस सीधे सियासी बिसात पर दांव चलने की बजाय पर्दे के पीछे से दांव खेलते हुए नजर आते हैं.यही वजह है की उन्होंने खुद को सीएम पद से दूर रहने की बात कही, क्योंकि वो महाराष्ट्र की नब्ज को पहचानते हैं और ये भी जानते है की यहां कभी न किसी से दुश्मनी की जा सकती है और न ही दोस्ती.इस बात से आप देवेंद्र फडणवीस की राजनीति का अंदाजा लगा सकते हैं.
