असम में बीजेपी के नेतृत्व वाली हिमंता बिस्वा सरमा की सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में गोमांस नहीं परोसा जाएगा। दिल्ली में हुई असम सरकार की कैबिनेट बैठक में कई मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े और राज्य में गोमांस बैन करने के फैसले पर अपनी सहमति जताई। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गोमांस सेवन पर मौजूदा कानून में संशोधन कर नए प्रावधानों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि असम मंत्रिमंडल ने राज्य के होटल, रेस्टोरेंट्स और पब्लिक प्लेस में गोमांस (Beef Ban) परोसे जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि गौहत्या को रोकने के लिए असम सरकार 3 साल पहले कानून लेकर आई थी, जिसमें हमें काफी सफलता मिली है।
आज असम मंत्रिमंडल ने राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।#AssamBeefBan pic.twitter.com/Nhda2uQ3Gt
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 4, 2024
‘प्रतिबंध का स्वागत करें या पाकिस्तान में जाकर बस जाएं’
बीफ पर बैन को लेकर हुए फैसले के बाद असम के मंत्री पीयूष हजारिका ने पोस्ट किया कि मैं असम कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि वह गोमांस पर प्रतिबंध का स्वागत करें या पाकिस्तान में जाकर बस जाएं। वहीं बीफ बैन फैसला पर एआईयूडीएफ विधायक और पार्टी महासचिव, डॉ रफीकुल इस्लाम ने कहा, ‘कैबिनेट को यह तय नहीं करना चाहिए कि लोग क्या खाएंगे या पहनेंगे। भाजपा गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। गोवा, वे पूर्वोत्तर राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, फिर असम में हम इस फैसले पर ज्यादा ध्यान क्यों नहीं देते।’
सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में बीफ परोसने पर बैन
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले उनकी सरकार ने फैसला लिया था कि किसी मंदिर के 5 किलोमीटर के दायरे में गोमांस के परोसने पर रोक है लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया गया है। इस फैसले के बाद से असम में किसी भी सामुदायिक स्थान, सार्वजनिक स्थान, होटल या रेस्तरां में नहीं खा पाएंगे। हमने जो तीन साल पहले कदम उठाया था। उसे हम और आगे ले जा रहे हैं.’ बता दें असम में बीफ का सेवन करना गैरकानूनी नहीं था, लेकिन 3 साल पहले हिमंता बिस्वा सरकार असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 लेकर आई थी। जिसके तहत हिंदू, जैन और किसी मंदिर या सत्र (वैष्णव मठ) के 5 किलोमीटर के दायरे में मवेशी वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध था। इस कानून को और सख्त बनाने का फैसला करते हुए सरकार ने पूरी राज्य में बीफ खाने पर ही प्रतिबंध लगा दिया।
