मणिपुर लगभग एक साल से ज्यादा समय से जल रहा है, वहां अभी तक शांति की हालात नहीं देखी गई.विपक्ष लगातार पीएम मोदी से पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करने की मांग कर रहे हैं.इंडिया गठबंधन के दलों ने पीएम मोदी से हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा करने के लिए कहा.साथ ही कहा कि यहां के लोगों के साथ उनकी सीधी भागीदारी और सक्रिय जुड़ाव ही शांति बहाल कर सकता है.
10 राजनीतिक दलों के नेता जो इंडिया गठबंधन का प्रतिनिधित्व कर रहे है उन्होंने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंत करते हुए दावा किया कि उन्हें जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति नहीं दी गई.मणिपुर कांग्रेस के प्रमुख मेघचंद्र ने कहा, “हमें जंतर- मंतर पर धरना देना था, लेकिन अधिकारियों ने हमारी अनुमति के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.हमारे पास करीब 10 राजनीतिक दल भाग ले रहे हैं.”उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें विरोध करने के हमारे अधिकार से वंचित किया जा रहा है. हालांकि, यह झटका हमें रोक नहीं पाएगा. हमारा अलग-अलग रूपों में विरोध जारी रहेगा.” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अपनी मांगों के साथ प्रधानमंत्री मोदी को एक ज्ञापन सौंपा है.
केंद्र पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए मेघचंद्र ने कहा, “मणिपुर भी भारत का हिस्सा है, लेकिन पिछले 18 महीनों में केंद्र सरकार ने इतनी लापरवाही क्यों बरती है? 60 हजार से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं और अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है. हमें अभी और कितना सहना पड़ेगा?”पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा मणिपुर के कांग्रेस प्रमुख ने कहा, “यह पीएम मोदी और केंद्र सरकार की लापरवाही का साफ उदाहरण है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने न तो मणिपुर में मौजूदा संकट पर बात की और, न ही राज्य का दौरा किया, न ही राज्य के प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए आमंत्रित किया.”दसों दलों के नेताओं ने पीएम मोदी से साल के अंत तक मणिपुर दौरा करने को कहा है.और पत्र में कहा “अगर आपके पास साल 2024 के खत्म होने से पहले मणिपुर आने का वक्त नहीं है तो आपसे ये विनती है कि आप यहां के सभी राजनीतिक दलों से अपने ऑफिस या अपने आधिकारिक आवास पर मिल लें.पीएम होने के नाते आपकी प्रत्यक्ष भागीदारी का.10 दलों के नेताओं ने पीएम मोदी से साल खत्म होने से पहले जल्द से जल्द मणिपुर का दौरा करने का अनुरोध किया. पत्र में कहा गया, “यदि आपके पास साल 2024 के खत्म होने से पहले मणिपुर आने का समय नहीं है, तो आपसे यह अनुरोध है कि आप यहां के सभी राजनीतिक दलों को अपने ऑफिस या अपने आधिकारिक आवास पर मुलाकात कर लें. प्रधानमंत्री होने के नाते, आपकी प्रत्यक्ष भागीदारी का अनुरोध है क्योंकि राज्य के लोगों के साथ आपकी सक्रिय भागीदारी ही इस पूर्वोत्तर राज्य में शांति और सामान्य स्थिति ला सकती है.”
