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क्या बीजेपी का हाथ थामेंगे उद्धव ठाकरे, कर दिया इशारा !

कांग्रेस आज खुद तो डुब गई है और जिस-जिस ने उसका हाथ थामा वो भी डूबते चला गया.महाराष्ट्र चुनाव ने कांग्रेस के खात्मे की कहानी लिख दी.हालात अब ये है की गठबंधन में शामिल कांग्रेस के साथी के पास पार्टी तो बची नहीं लेकिन पछतावा जरुर हाथ लगा है.बंटेगे तो कटेंगे ने कांग्रेस के साथियों को काट दिया.अब इन लोगों के हालात ये हो चुके है की पीएम मोदी को गाली देने वाले लोग अब बीजेपी की भाषा बोलने लगे हैं.क्योंकि उनको पता है कि अगर वो ऐसा नहीं करेंगे तो उनकी दुकान बंद जो हो जाएगी.

सत्ता की लालच में उद्धव ठाकरे ने भले ही कांग्रेस का हाथ थाम लिया.लेकिन जैसे ही महाराष्ट्र की सत्ता शिवसेना की हाथ से फिसली वैसे ही उद्धव ठाकरे को बालासाहेब की याद आ गई.जैसे ही उद्धव ठाकरे ने अपने पिता के सिद्धातों के पैरों तले रौंदा,वैसे ही महाराष्ट्र की जनता ने ठाकरे को सत्ता से निकाल फेंका.इतिहास गवाह है कि महाराष्ट्र की गद्दी पर मराठा या फिर बाह्मण समाज का ही राज रहा है.लेकिन सत्ता के लोभ में वो इस बात को भूल गए थे. लेकिन एक हार ने उद्धव को सब कुछ याद दिलवा दिया.जैसे ही उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व की राजनीति को नकारा, वैसे ही जनता ने सत्ता की गद्दी से उतार फेंका.लेकिन अब लगता है की उद्धव ठाकरे को अपनी गलती समझ आ गई है.तभी तो वो अपने ही साथी से हिंदु्ओं के लिए भीड़ गए है.

दरअसल मौका था शोर्य दिवस को जब बाबरी मस्जिद को तोड़ा गया था.इस मौके पर शिवसेना ने अखबार में विज्ञापन देकर मस्जिद तोड़ने वाले को बधाई दी.ये सिलसिला यही नहीं थमा इसके बाद उद्धव ठाकरे के ही करीबी माने जाने वाले नेता मिलिंद नार्वेकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके मस्जिद तोड़ने वालों की तारीफ की जिसमें उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और मिलिंद नार्वेकर की तस्वीर भी लगी हुई थी.इस बात से समाजवादी पार्टी को ऐसी मिर्ची लगी की उन्होंने महाविकास अघाड़ी से अलग होने का ऐलान कर दिया.महाराष्ट्र समाजवादी के प्रमुख आजमी ने तो यहां तक कह दिया की उद्धव गुट बीजेपी की भाषा बोल रहा है और मस्जिद को तोड़ना गलत था लेकिन उद्धव की शिवसेना ने साफ कह दिया की उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ा है हिंदुत्व का नहीं लेकिन आजमी ने तो कह दिया की वो अखिलेश यादव से बात करके इस गठबंधन से नाता तोड़ देंगे.चुनाव हारने के बाद अब ये बात उद्धव ठाकरे को भी समझ आ गई है की बेटेंग तो कटेंगे और एक रहेंगे तभी सेफ रहेंगे इसलिए वो एक बार फिर से भटक कर वापस घर वापसी के लिए निकल पड़े हैं.

Gargi Chandre
Author: Gargi Chandre

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