इंडिया गठबंधन में फूट अब साफ-साफ नज़र आने लगा है.महाराष्ट्र हो, दिल्ली हो, बंगाल हो, हरियाणा हो या फिर जम्मू कश्मीर हर जगह इंडिया गठबंधन की लड़ाई जगजाहिर है.जिसके बाद विपक्ष को पीएम मोदी की बात जरूर याद आ रही होगी, जब उन्होंने कहा था की घमंडिया गठबंधन के टुकड़े-टुकड़े हो जाएंगें.सत्ता की लालच में गठबंधन के नेता ही एक दूसरे के जानी-दुश्मन बन बैठे हैं क्योंकि जनता तो बहाना है, असली काम सत्ता को हथियाना है.जिसके लिए इंडिया गठबंधन के नेता किसी भी हद तक जा सकते हैं.पीएम मोदी को खत्म करते-करते आज ये गठबंधन खुद खत्म होने की कगार पर है.
समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने अयोध्या से क्या जीत हासिल की. इंडिया गठबंधन को लगने लगा की उन्होंने ही चुनाव जीता है.इस जीत के बाद अखिलेश यादव के साथ हर जगह अवधेश प्रसाद दिखे.यहां तक की सदन में भी अखिलेश यादव अवधेश प्रसाद का हाथ पकड़कर अंदर जाते हुए नजर आते हैं.सदन के अंदर भी अखिलेश यादव के साथ वाली कुर्सी अवधेश प्रसाद को दी गई थी.ये करके कहीं न कहीं समाजवादी पार्टी बीजेपी को चिढ़ाने का काम कर रही थी कि जिस मंदिर को बनाने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी वहां से बीजेपी की हार हो गई. ये बात उनको याद रहे इसलिए गठबंधन के नेताओं ने ऐसा किया.लेकिन अब तो राहुल गांधी ने अवधेश प्रसाद की सीट ही बदल दी हैं,रिपोर्टस के मुताबिक अखिलेश यादव और डिंपल यादव राहुल गांधी से गुस्सा हो गए थे और कांग्रेस के साथ प्रदर्शन में भी शामिल नहीं हुए.
इंडिया गठबंधन में कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल हैं और यही वजह है की राहुल गांधी को अपने साथियों की सीट लोकसभा में आवंटित करनी थी.लेकिन राहुल गांधी ने यहां पर अपने अपने भाई अखिलेश यादव के साथ ही खेल कर दिया.राहुल गांधी ने समाजवादी पार्टी की अगली पंक्ति की संख्या 2 से घटाकर 1 कर दी है.इसका मतलब ये ही की आगे सिर्फ अखिलेश यादव ही बैठ सकते हैं और इस बात की जानकारी अखिलेश यादव को नहीं दी गई थी और फिर क्या इस बात पर अखिलेश यादव राहुल गांधी से गुस्सा हो गए.इसके बाद अपने ही गठबंधन के साथी के खिलाफ डिंपल यादव ने ये मुद्दा स्पीकर के सामने उठाया और आगे की पंक्ति में दो सीटें आवंटित करने का आवेदन किया.साथ ही उन्होंने ये भी कहा की हमें पूरा भरोसा है की स्पीकर हमारी बात सुनेंगे.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में फूट साफ दिखा.हरियाणा के चुनाव में आम आदमी पार्टी कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन कांग्रेस ने वहां केजरीवाल को भाव नहीं दिया.फिर यूपी के उपचुनाव में ऐसी ही तानातनी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच नजर आई.ममता बेनर्जी ने भी गठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया हैं.जिसके बाद साफ-साफ सबको इस गठबंधन का भविष्य नजर आ रहा है
