संसद के शीतकालीन सत्र का मंगलवार (17 दिसंबर) को 17वां दिन है। आज वन नेशन, वन इलेक्शन बिल लोकसभा में पेश हो गया है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ये बिल पेश किया है। कानून मंत्री ने साथ ही इस बिल को सदन में प्रतिस्थापित करने की भी इजाजत मांगी जिस पर ध्वनिमत के बाद अब डिवीजन हो रहा है। इससे पहले पर्ची से हुए मतदान के बाद स्पीकर ओम बिरला ने पर्ची से हुए मतदान के नतीजे बताए। स्पीकर ने बताया कि प्रस्ताव के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े। बहुमत प्रस्ताव के पक्ष में है। बता दें कि इस बिल को कानून बनाकर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक साथ कराने का प्रावधान है।
विपक्ष बोला-संघीय ढांचे को खत्म कर रही सरकार
एक देश, एक चुनाव बिल पेश होने के बाद सांसदों को इस पर बोलने का समय दिया गया। कई पार्टियों की आपत्ति के बाद बिल को दोबारा पेश करने को लेकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हुई। पक्ष में ज्यादा वोट पड़ने के बाद बिल पेश किया गया। बिल पेश होने के बाद अब लोकसभा में बहस भी हुई। कांग्रेस ने इस बिल को संघीय ढांचे पर चोट बताया है। वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी इस बिल को लेकर विरोध जताया है। सपा सांसद ने कहा कि संघीय ढाचे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। वहीं अमित शाह ने सदन में कहा कि बिल जब कैबिनेट में आया था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजना चाहिए। कानून मंत्री ऐसा प्रस्ताव कर सकते हैं।
विपक्ष के हंगामे के बाद स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि पहले भी सारी व्यस्था दे दी है। पुरानी परंपरा भी बता दी है। मंत्रीजी ने भी कह दिया है कि जेपीसी गठित होगी। जेपीसी के समय व्यापक चर्चा होगी और सब दल के सदस्य होंगे। जब बिल आएगा तो सबको पूरा समय दिया जाएगा और डिटेल चर्चा होगी। जितने दिन आप चर्चा चाहेंगे, उतने दिन का समय दिया जाएगा।
एक देश, एक चुनाव’ बिल के बारे में
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ विधेयक को मंजूरी दी थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सितंबर में एक साथ चुनाव कराने संबंधी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। इस समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे थे। बीजेपी और उसके सहयोगी दल विधेयक के समर्थन में हैं। यह बिल पूरे देश में एक चुनाव कराने की राह खोलता है।दरअसल, वन नेशन, वन इलेक्शन का विधेयक पिछले काफी समय से सत्तारूढ़ बीजेपी के एजेंडे में है। इसे पूरा करने के मकसद से केंद्र सरकार ने 2 सितंबर 2023 को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी. इस कमेटी ने 14 मार्च 2024 को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी। कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि एक साथ चुनाव कराने से चुनावी प्रक्रिया में बदलाव आ सकता है।
