विज्ञापन के लिए संपर्क करें

क्या है संभल विवाद, क्या है हिंदू पक्ष की मांग ?

देश के मशहूर वकील जिनका नाम है विष्णु शंकर जैन.ऐसे कई मंदिरों को वापस पाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.जो एक टाइम मंदिर थे,मगर बाद में उसे मस्जिद में कन्वर्ट कर दिया गया.19 नवंबर को विष्णु शंकर जैन जी ने अपने पिता हरिशंकर जैन और 6 और लोगों के साथ संभल की कोर्ट में याचिका लगाई थी.इन लोगों ने कोर्ट में दावा किया कि इस जगह पहले श्री हरिहर मंदिर हुआ करती थी.जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वा कर मस्जिद बनवा दिया. उन्होंने कोर्ट से अपील किया कि उनके पास काफी सुबूत हैं.जो ये साबित करते हैं कि संभल में मौजूद जामा मस्जिद एक वक्त पर हरिहर मंदिर हुआ करती थी.उसी दिन दोपहर 1:00 बजे कोर्ट में सुनवाई हुई और शाम 4:00 बजे कोर्ट ने मस्जिद का सर्वे करने का ऑर्डर दे दिया फिर शाम 8:00 बजे तक सर्वे हो भी गया.यहां तक सब कुछ ठीक था.अब 24 नवंबर को सर्वे टीम को बाकी के सर्वे के लिए दोबारा मस्जिद जाना था.24 नवंबर को जब सर्वे टीम विष्णु शंकर जैन और बाकी के उनके साथी जब मस्जिद में थे.तभी बाहर हंगामा होने लगा.हंगामे की खबर जब डीएम को लगी तो उन्होंने सर्वे टीम को फौरन वहां से निकल जाने के लिए कहा.मगर इस दौरान किसी ने अफवाह फैला दी कि मंदिर के अंदर तो खुदाई की जा रही है.जैसे ही अफवा फैली पहले से बुलाई गई भीड़ ने पत्थर बरसाने शुरू कर दिए.पुलिस के लाख मना करने के बाद भी पत्थरबाजी नहीं रुकी.भीड़ में मौजूद लोगों के पास डंडे पत्थर हॉकी स्टिक और यहां तक कि तमंचे भी मौजूद थे.भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हंगामा इतना बढ़ गया कि 5 लोगों की जान चली गई.मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इन लड़कों की जान पुलिस की गोली से गई और पुलिस कहती है कि इन लड़कों की जान भीड़ से ही चली गोलियों से हुई.लेकिन असल में हुआ क्या था इसकी जांच जारी है.साथ ही यह भी पता करने की कोशिश हो रही है कि अचानक इतने लोग वहां आ कैसे गए.क्योंकि जिन पांच लड़कों की जान गई उनमें से भी तीन लड़के उस एरिया के नहीं थे.जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है.उनमें से भी आधे से ज्यादा बाहर के थे.मतलब इतना साफ है कि 24 नवंबर को हंगामा करने के मकसद से किसी ने पहले से ही बाहर से कुछ लोग बुला रखे थे.पुलिस ने इस मामले में लोकल एमपी और लोकल एमएलए के बेटे के खिलाफ एफआईआर भी की है.पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने सर्वे से एक दिन पहले मस्जिद में जाकर लोगों को भड़काया था और अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की तरह बाबर ने यहां भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई.अपनी इस बात को प्रूफ करने के लिए हिंदू पक्ष के पास बहुत सारे सबूत हैं.मतलब जैसे ज्ञानवापी मामले में मस्जिद के मंदिर होने के इतने एविडेंस है कि कोई भी ये बता देगा कि इसे मंदिर तोड़कर ही बनवाया गया है.वैसी ही बात संभल के केस में भी लागू होती है.हिंदू साइड कहती है कि भाई पहले तो ये बात हम नहीं कह रहे हैं बल्कि खुद बाबर की बायोग्राफी बाबरनामा में लिखी है.बाबर ने इसे तुर्की भाषा में लिखा था.बाद में इसका ट्रांसलेशन एनट सुसान्ना बेवरेज ने किया था.बाबरनामा के एक पेज पर जिक्र है कि बाबर 10 जुलाई 1529 को संभल आया था.तब उसने अपने एक सेवक जिसका नाम हिंदू बेग कुचन था उसको ये आदेश दिया था कि इस मंदिर को मस्जिद में बदल दो.हिंदू पक्ष का कहना है कि मस्जिद में आज भी एक शिलालेख मौजूद है जिससे यह साबित होता है कि यह पहले मंदिर था.मुस्लिम साइड के पास पूरा राइट है पूरा हक है कि वो सर्वे की इस कार्यवाही को हाई कोर्ट में चैलेंज करें.लेकिन हिंदू साइड का भी कहना है कि हम इस लड़ाई को तब तक जारी रखेंगे जब तक हम दोबारा हरिहर मंदिर को वापस पा नहीं लें.लेकिन मंदिरों को वापस पाने की कोशिश झगड़े या नफरत की वजह नहीं बननी चाहिए , जरूरत है इस बात की कि दोनों पक्ष बैठकर बात करें.अदालत जाना है तो वहां भी जाएं.वहां सबूत पेश करें लेकिन लेन ये सारी लड़ाई कभी हिंसक नहीं होनी चाहिए.किसी की भी जान नहीं जानी चाहिए.

Gargi Chandre
Author: Gargi Chandre

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *