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दिल्ली चुनाव जीतने के लिए केजरीवाल ने बनाया प्लान, BJP के पास भी नहीं है तोड़ ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव में महज कुछ ही दिनों का समय बचा है.आम आदमी पार्टी 10 सालों से दिल्ली की सत्ता पर काबिज है, लेकिन इस बार आप के लिए चुनाव जीतना काफी मुश्किल साबित हो सकता है.लेकिन अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतने के लिए नया कार्ड खेलना शुरू कर दिया है जिसका काट बीजेपी के पास भी शायद नहीं है.दिल्ली में वैसे तो चुनाव फरवरी में है, लेकिन चुनाव ऐलान से पहले ही अरविंद केजरीवाल ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है.आम आदमी पार्टी ने 70 की 70 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है.प्रत्याशियों की घोषणा करके आप ने कहीं न कहीं कांग्रेस और बीजेपी को ये दिखाने कि कोशिश की है की उनकी तैयारी चुनाव को लेकर पूरी है.आम आदमी पार्टी ने इस बार कई मौजूदा विधायकों का टीकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगाया, जिससे कई पुराने विधायक नाराज भी हो सकते हैं.केजरीवाल किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहते. इसलिए उन्होंने पहले उम्मीदवारों की घोषणा की जिससे वो नराज विधायकों को आराम से मना लेंगे और पार्टी को कोई नुकसान नहीं होगा.केजरीवाल के लिए इस बार की जंग आसान नहीं होने वाली है.इसके पीछे भी खास वजह है,आप के वो दिग्गज नेता जो पार्टी छोड़ चुके है,बाकी के बचे नेताओं पर जेल में जाने से भी आप पर दाग लगा है.इसलिए चौथी बार चुनाव जीतना आम आदमी पार्टी के लिए बहुत ही मुश्किल भरा होने वाला है.केजरीवाल चुनाव से पहले ही पदयात्रा कर रहे हैं.दिल्ली के लोगों से मिल रहे है ताकी किसी तरह की कसर बाकी न रहे.दिल्ली में टूटी गलियों के हाल से कौन वाकिफ नहीं है, केजरीवाल ऐसे में खुद उन जगह पर जाकर डैमेज कंटौल करने की कवायद में जुटे हुए हैं.अरविंद केजरीवाल ने कहा की बीजेपी उनके काम में बाधा डालती है जिस वजह से आज दिल्ली की ये हालत हो गई है.केजरीवाल की सरकार बनाने में ऑटो चालक की भूमिका कितनी अहम रही है,इस बात को कौन नहीं जानता है.दिल्ली की सत्ता को सामने से खिसकता देख अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से ऑटो चालकों से मिल रहे हैं.उनको साधने के लिए आप सरकार ने उनकी बीम से लेकर उनकी परिवार की जिम्मेदारी तक उठाई है.आधी आबादी यानी की ‘महिला’ सरकार बनाने और बिगाड़ने की ताकत रखतीं है. ये बात हमने बंगाल के चुनाव में, बिहार के चुनाव में,मध्यप्रदेश में यहां तक की लोकसभा चुनाव में भी देखा.मध्यप्रदेश में ‘लाडली बहना योजना’ ने बीजेपी को सहारा दिया तो बीजेपी की सरकार बन गई.इस बात को अरविंद केजरीवाल अच्छी तरह से समझते हैं.इसलिए अरविंद केजरीवाल ने महिलाओं को साधने के लिए सरकार बनने के बाद 2100 रुपय देने का वादा किया है.इस तरह से अरविंद केजरीवाल महिलाओं को अपने साथ करके दिल्ली की गद्दी अपने नाम करने की कवायद में लगे हुए हैं.पीएम मोदी की आयुष्मान योजना कौन नहीं जानता लेकिन ये योजना दिल्ली सरकार ने लागू नहीं की जिसको लेकर बीजेपी हमेशा ‘आप’ पर हमलावर रही है. लेकिन इसका तोड़ भी अरविंद केजरीवाल ने निकाल लिया है. दिल्ली सरकार 60 साल से ज्यादा के बुर्जुगों के लिए मेडिकल स्किम लाई है, जिसमें सरकारी ही नहीं बल्कि प्राइवेट अस्पताल का खर्च सरकार उठाएगी.केजरीवाल की ये स्क्रीम आयुष्मान योजना से बिल्कुल अलग है.केजरीवाल ने ऐसे सियासी समीकरण दिल्ली चुनाव के लिए तैयार किया है जिसमें उन्होंने हर वर्ग के लोगों को साधने का काम किया और ये उनके काम और योजनाओं में साफ-साफ दिख रहा है.

Gargi Chandre
Author: Gargi Chandre

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