भगवान शिव को मानने वालों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी है.दरअसल फिर से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू होने वाली है.2020 में ये यात्रा बंद हो गई थी.दोनों देशों के बीच 5 साल के बाद इस बात पर सहमति बनी है.विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की बैठक बीजिंग में हुई जहां 6 मुद्दों पर दोनों देशों ने हामी भरी. इस मैकेनिज्म की आखिरी बैठक दिसंबर 2019 के बाद पहली बार हुई है.भारत की तरफ से इस बैठक में राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए तो वहीं चीन की ओर से विदेश मंत्री वांग यी शामिल थे.दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने बॉर्डर एरिया में शांति कायम करने को द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी के लिए अहम बताया.
असल में अजीत डोभाल का यह दौरा न केवल सीमा विवादों को हल करने की दिशा में उठाया गया कदम था, बल्कि रिश्तों में आई कड़वाहट को कम करने की एक कोशिश भी रहा. यह बैठक उस समय हुई जब दोनों देशों के बीच 2020 में गलवान घाटी की घटना के बाद से संबंधों में आई खटास को कम करने की कोशिश की जा रही है. पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच संवाद बढ़ा है. इस बैठक का निर्णय कजान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान लिया गया था. वहां भी सीमा विवाद को हल करने और रिश्तों को सामान्य करने की सहमति बनी थी.चीन की राजधानी बीजिंग पहुंचने पर अजीत डोभाल का गर्मजोशी से स्वागत किया गया. उन्होंने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. वांग यी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मामलों के मंत्री भी हैं. यह बैठक चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग के साथ बातचीत से भी जुड़ी थी. उनसे भी अजीत डोभाल की मुलाकात हुई है
अजीत डोभाल की इस बैठक में दोनों पक्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए.यह यात्रा भारतीय श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यात्रा को कोविड महामारी और सीमा पर तनाव के कारण बाधित कर दिया गया था. अब इस पर सहमति बनी है कि इसे जल्द से जल्द व्यवस्थित तरीके से फिर शुरू किया जाएगा.
