उत्तर प्रदेश के संभल जिले के मुस्लिम बहुल इलाके में सनातन के लगातार सबूत मिल रहे हैं। इसके बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने लगातार दूसरे दिन सर्वे का काम जारी रखा। शनिवार को टीम सबसे पहले कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। टीम ने मंदिर के पास स्थित कृष्ण कूप का निरीक्षण किया। इसके अलावा, मंदिर के अंदर जाकर भी मंदिर के पुजारी के साथ सर्वे किया गया। टीम ने मंदिर के अंदर बने हुए गुंबद का भी फोटो कैप्चर किया है। स्थानीय प्रशासन के द्वारा सुरक्षा कारणों के चलते यह सर्वे गुपचुप तरीके से कराया गया।
शुक्रवार को 5 तीर्थ और 19 कूपों का ASI ने किया था निरीक्षण
इससे पहले शुक्रवार को एएसआई की टीम संभल के लाडम सराय स्थित मंदिर में एक प्राचीन इमारत से निकले हुए पत्थर का सर्वे करती हुए नजर आई थी। संभल में शुक्रवार को जिन 5 तीर्थ और 19 कूपों का ASI ने निरीक्षण किया जिनमें भद्रकाश्रम, स्वर्गदीप, चक्रपाणि शामिल रहा। आज टीम ने लगातार दूसरे दिन सर्वे का काम जारी रखा। टीम ने मंदिर के पास स्थित कृष्ण कूप का निरीक्षण किया। कृष्ण कूप जामा मस्जिद से कुछ दूरी पर मौजूद है। यह ऊंची दीवारों से घिरा हुआ है। कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई थी। इसके चलते नगर पालिका ने सफाई अभियान शुरू किया। शुक्रवार को टीम ने संभल और उसके आसपास बने 19 कूप और पांच तीर्थों का सर्वे किया था। खग्गू सराय स्थित प्राचीन शिव मंदिर और परिसर के प्राचीन कुएं से कार्बन डेटिंग के लिए नमूने लिए गए।
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने ASI को लिखी थी चिट्ठी
दरअसल, डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने प्राचीन मंदिर के सर्वे के लिए एएसआई के निदेशक को चिट्ठी लिखी थी। इसी क्रम में ASI की चार सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को 5 तीर्थों और 19 कुओं का निरीक्षण किया। सर्वेक्षण 8-10 घंटे चला था। जो प्राचीन मंदिर खुला था, उसका भी सर्वे किया गया। जिला प्रशासन को ASI अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। कहा जा कहा है कि एएसआई की टीम प्राचीन मंदिर से जुड़ी कुछ मूर्तियां भी अपने साथ लेकर चली गई। ऐसी मान्यता है कि यहां पर 68 तीर्थ, 19 कूप, 36 पुरे व 52 सराय हैं। अधिकारियों के भ्रमण के दौरान तीर्थ व कूप प्रकाश में आए हैं। ये तीर्थ व कूप धार्मिक और जल संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। चूंकि ये प्राचीन बताए जाते हैं। इसलिए इनका काल निर्धारण किया जाना धरोहर संरक्षण की दृष्टि से आवश्यक है। इसी क्रम में एएसआई की चार सदस्यीय शुक्रवार को संभल पहुंची और सर्वे किया है। टीम ने सुबह छह बजे से दोपहर साढ़े तीन बजे तक सर्वे किया।
