बांग्लादेश में जारी सियासी संकट के बीच युनुस सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग के लिए भारत को पत्र लिखा है। इस पत्र में बांग्लादेश ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को वापस भेजने यानी प्रत्यर्पण की मांग की है। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार में शेख हसीना के खिलाफ कई मामलों केस दर्ज किया गया है। बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने कहा, “हमने भारत सरकार से कहा है कि बांग्लादेश सरकार चाहती है कि शेख हसीना न्यायिक प्रक्रिया के लिए बांग्लादेश वापस आएं।”बांग्लादेश में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद 77 वर्षीय हसीना 5 अगस्त को भारत आ गई थी और तब से वह भारत में ही निर्वासन के तहत रह रही हैं
बांग्लादेश ने भारत सरकार को एक “नोट वर्बल” भेजा
बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने आज मंत्रालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि बांग्लादेश ने भारत सरकार को एक “नोट वर्बल” भेजा है, जिसमें देश में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की गई है। इससे पहले बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम ने भी जानकारी दी है कि उनके कार्यालय की ओर से भी विदेश मंत्रालय को अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना के प्रत्यर्पण के लिए पत्र भेजा गया है। इसकी प्रक्रिया जारी है। गृह मंत्रालय के सलाहकार जहांगीर आलम दावा किया है कि ढाका और नयी दिल्ली के बीच प्रत्यर्पण संधि पहले से ही मौजूद है। इस संधि के तहत शेख हसीना को बांग्लादेश वापस लाया जा सकता है।
भारी प्रदर्शन के बीच देश छोड़ भारत आईं थी शेख हसीना
दरअसल, बांग्लादेश में 5 जून को हाईकोर्ट ने जॉब में 30% कोटा सिस्टम लागू किया था, इसके बाद से ही ढाका में यूनिवर्सिटीज के छात्रों ने प्रदर्शन शुरू हो गए थे। देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो गया। 5 अगस्त को प्रदर्शनकारी PM हाउस घुस आए। अगस्त महीने के आखिर में बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद शेख हसीना भारत चली आई थीं। इसके बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली, बाद में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में सलाहकार सरकार बनी। ढाका स्थित अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने ‘मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार’ के लिए हसीना और उनकी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों, सलाहकारों, सैन्य व प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। बता दें शेख हसीना 20 साल बांग्लादेश की सत्ता में रहीं। वो 23 जून को 1996 में पहली बार पीएम बनी थीं।
