राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने शनिवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय लिया है। भजनलाल कैबिनेट ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 नए संभागों (पाली, सीकर, बांसवाड़ा) को समाप्त कर दिया है। अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे। राजस्थान सरकार ने जिन 9 जिलों को रद्द कर दिया है, उनमें- दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिले शामिल हैं।
गहलोत सरकार में हुई थी 17 नए जिले और 3 नए संभागों की घोषणा
दरअसल, गहलोत सरकार में 17 नए जिले और 3 नए संभागों की घोषणा हुई थी। आचार संहिता से पहले नए जिलों और संभागों को बनाने का फैसला उचित नहीं माना गया, जिसके बाद जिलों को रद्द किया गया। कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “1956 में राजस्थान के बनने के बाद लंबे समय तक प्रदेश में 26 जिले थे। फिर बाद में सात जिले और बनाए गए। वहीं कांग्रेस की पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी समय में 17 नए जिले और तीन संभाग बना दिए। गहलोत सरकार का ये फैसला जनसंख्या के आधार पर भी सही था। भजनलाल सरकार ने नए जिलों में कुछ जिलों को व्यावहारिक नहीं माना और अतिरिक्त भार को राज्य के हित में नहीं माना। यानी 17 नए जिलों में केवल 8 जिले यथावत रहेंगे और 9 जिलों को खत्म किया गया है। अब राजस्थान में कुल 41 जिले होंगे और 7 संभाग होंगे।
कौन से जिले बचे, कौन से जिले हुए निरस्त?
9 जिले समाप्त: दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, सांचौर जिलें खत्म
ये जिले रहेंगे: डीग, बालोतरा, खैरथल-तिजारा, ब्यावर, कोटपूतली-बहरोड़, डीडवाना-कुचामन, फलोदी और संलूबर
बता दें कि 1 जुलाई को राजस्थान सरकार ने उच्च स्तरीय विशेषज्ञ कमेटी बनाई थी, जिसे नए बने जिलों और संभागों के अस्तित्व से जुड़े जरूरी पहलुओं पर समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया था। 31 को रिपोर्ट को पेश करने की समय सीमा थी, जिसे 24 घंटे पहले 30 अगस्त को राजस्थान सरकार के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रेवेन्यू दिनेश कुमार को सौंप दिया गया था।
