उत्तर प्रदेश के कासगंज में तिरंगा यात्रा को लेकर भड़की भीड़ की हिंसा में युवक चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने सभी 28 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कासगंज में चंदन गुप्ता हत्याकांड के बाद जबरदस्त तनाव फैल गया था। तोड़फोड़-आगजनी और पथराव हुआ था। इस कांड ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। मामले की सुनवाई करते हुआ आज लखनऊ एनआईए कोर्ट ने सभी आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन की तरफ से 18 गवाहों को पेश किया गया। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से 23 गवाह पेश किए गए थे। देशद्रोह की धारा 124ए पर सुनवाई नहीं हुई, क्योंकि इसे सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित कर रखा है।
28 दोषियों को NIA कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा
NIA स्पेशल कोर्ट के जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गुरुवार 2 जनवरी को चंदन गुप्ता हत्याकांड में 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था, और आज 28 दोषियों की सजा का भी ऐलान किया गया है। कोर्ट ने सभी दोषी 28 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं, दो आरोपी नसीरुद्दीन और असीम कुरैशी को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। चंदन के पिता सुशील गुप्ता की तरफ से दर्ज कराई गई एफआईआर में 20 लोगों को नामजद किया गया था। पुलिस ने विवेचना के बाद 11 और आरोपियों के नाम बढ़ाकर कुल 30 आरोपियों पर चार्जशीट लगाई थी। 26 अप्रैल 2018 को कासगंज पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की थी। वर्तमान में कुल 28 आरोपियों में एक आरोपी मुनाजिर रफी पहले से जेल में बंद है। मुनाजिर रफी कासगंज की वकील मोहिनी तोमर हत्याकांड में जेल में बंद है।
तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान हुई थी हत्या
कासगंज जिले में 26 जनवरी 2018 को तिरंगा यात्रा निकालने के दौरान हुए दंगे में चंदन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के पिता ने 20 आरोपितों के खिलाफ नामजद समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उसके बाद पुलिस ने कुल 31 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया था। सांप्रदायिक हिंसा की प्रकृति की वजह से यह मामला काफी सुर्खियों में रहा जिसमें चंदन की मृत्यु से उस क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी। अदालत के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने आरोपियों को हत्या, हत्या के प्रयास, दंगा करने और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का दोषी करार दिया था। इन 28 दोषियों में से 26 लोग अदालत में मौजूद थे, जबकि एक अभियुक्त मुनाजिर की पेशी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से हुई। अदालत ने एक अन्य आरोपी सलीम के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जो मुकदमे में सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहा।
