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चीन में HMPV वायरस के बढ़ते केसेज से भारत सतर्क, स्वास्थ्य मंत्रालय बोला-चिंता करने की जरूरत नहीं

चीन में तेजी से फैले ह्यूमन मेटानिमोवायरस (hMPV) ने एक बार फिर पूरी दुनिया को सकते में ला दिया है। इसको लेकर भारत में भी सतर्कता बरती जा रही है। हाल ही में तेलंगाना सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं और अब शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त किया कि चीन में सांस संबंधी बीमारियों के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसमें ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं।

भारत इस बीमारी को रोकने में सक्षम

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक संक्रामक रेस्पिरेटरी बीमारी है, जो गंभीर साबित हो सकती है। दरअसल, हवा के जरिए फैलने की वजह से यह तेजी से फैल सकती है, जिससे यह बेहद संक्रामक हो जाता है। साथ ही फेफड़ों पर असर करने की वजह से यह गंभीर रूप ले सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “अधिकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और अन्य अंतरराष्ट्रीय चैनलों से अपडेट की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी संभावित जोखिम के बारे में जानकारी रहे।”मंत्रालय ने WHO से सक्रिय दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिए समय पर अपडेट प्रदान करने का भी अनुरोध किया है। भारत के निगरानी डेटा से पता चलता है कि देश भर में सांस संक्रमण या संबंधित अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। भारत में HMPV जैसे वायरस पहले से ही प्रचलन में हैं और मौजूदा स्वास्थ्य ढांचा किसी भी संभावित मामले को संभालने में सक्षम है।

डॉक्टरों ने दिए सावधानी बरतने के निर्देश

एचएमपीवी अक्सर सर्दी जैसे लक्षणों का कारण बनता है, जिनमें खांसी, बुखार, नाक बहना और गले में खराश शामिल हैं। यही वजह है कि कई लोग इसे सामान्य सर्दी समझने की गलती कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों से श्वसन संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरतने का आग्रह किया है और दिशा निर्देश जारी किए हैं-

बीमारी से बचने के लिए क्या करें

  • खांसते या छीकते समय मुंह और नाक को रूमाल या टिश्यू से ढकें।
  • अपने हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोएं या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें और फ्लू से प्रभावित लोगों से दूरी बनाए रखें।
  • बुखार, खांसी या छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और पौष्टिक भोजन करें।
  • सभी स्थानों पर पर्याप्त वेंटिलेशन सुनिश्चित करें।
Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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