दिल्ली एनसीआर में ठंड बढ़ने के साथ लगातार वायु गुणवत्ता की स्थिति बिगड़ रही है। मौजूदा समय में दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के करीब पहुंच गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने फिर से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इस दौरान दिल्ली एनसीआर में कई प्रकार की पाबंदियां लागू रहेगी। इसके तहत निर्माण व विध्वंस कार्यों पर रोक लगा दी है। वहीं, बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार माल वाहक वाहनों का प्रवेश बंद हो गया है। केवल जरूरी सामान लाने वाले वाहनों को इसमें छूट दी गई है।
ग्रैप-3 में इन चीजों पर लगी पाबंदियां
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सुबह सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 299 रहा। हालांकि, हवा की कम रफ्तार और धुंध के चलते इसमें तेजी से वृद्धि हुई। दिल्ली में 9 जनवरी 2025 की शाम 4.00 बजे तक AQI 357 पहुंच गया। इसी के बाद ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू की गई। इनमें निम्म पाबंदियां शामिल है।
- सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध है, हालांकि आवश्यक परियोजनाओं जैसे एयरपोर्ट, अस्पताल, एलिवेटेड रोड और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) कार्यों पर प्रतिबंध नहीं है।
- सड़कों की नियमित सफाई और पानी का छिड़काव सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि धूल के कणों को कम किया जा सके।
- दिल्ली में अंतर राज्य बसों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया गया है। हालांकि यह प्रतिबंध इलेक्ट्रिक सीएनजी और BS6 डीजल बसों पर लागू नहीं होगा। ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों और टेंपो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है।
- बीएस 3 स्टैंडर्ड और उससे नीचे के मीडियम गुड्स व्हीकल दिल्ली में प्रतिबंधित किए गए हैं। हालांकि जरूरी से सामान लेकर आ रहे मीडियम गुड एस व्हीकल को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।
इससे पहले इस साल पहले तीन जनवरी को ग्रैप तीन के प्रतिबंध लगे थे, लेकिन बाद में प्रदूषण का स्तर कम होने पर पांच जनवरी को हटा लिए गए थे। लेकिन बृहस्पतिवार को एयर इंडेक्स एक बार बहुत खराब श्रेणी में 300 से अधिक पहुंचने के कारण ग्रैप तीन के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने नागरिकों से अपील है कि वे प्रदूषण कम करने में सहयोग करें। गैर-जरूरी वाहनों का उपयोग न करें, सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम उपयोग करें, और खुले में कचरा जलाने से बचें। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्थिति की लगातार निगरानी की जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर और सख्त कदम उठाए जाएंगे।
