उत्तर प्रदेश की योगी सरकार संभल में हुए 1978 के सांप्रदायिक दंगों की जांच करवाएगी। इसे लेकर योगी सरकार ने एक आदेश भी जारी कर दिया है। संभल ASP को एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 17 दिसंबर, 2024 को MLC श्रीचंद शर्मा ने शासन को लेटर लिखकर दंगों की जांच की मांग की थी। 6 जनवरी को गृह सचिव सत्येंद्र प्रताप सिंह ने इसका संज्ञान लिया। उन्होंने संभल SP केके बिश्नोई को लेटर लिखकर एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। SP ने डीएम राजेंद्र पैंसिया को लेटर लिखकर जानकारी दी। कहा- मैंने ASP श्रीश्चंद्र को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। संयुक्त जांच के लिए अपने स्तर से संबंधित अधिकारी को नियुक्त करें, जिससे पुलिस-प्रशासन जांच कर रिपोर्ट सौंप सके। इतना ही नहीं मुरादाबाद के कमिश्नर ने संभल के डीएम से मामले से जुड़े सभी दस्तावेज अपने पास में मंगवाए हैं। साथ ही मामले में कमिश्नर ने आज बैठक भी बुलाई है।
भयावह था 1978 का दंगा
दरअसल, 47 साल पहले संभल में दंगे भड़के थे। उस वक्त जनता पार्टी की सरकार थी। राम नरेश यादव मुख्यमंत्री थे। यह दंगा कोई एक या दो दिन नहीं चला था बल्कि कई दिनों तक रहा और पुलिस ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया था। इस हिंसा में 184 लोगों की जान चली गई थी। इसमें करीब 169 केस दर्ज किए गए थे। बताया जाता है कि दंगा इतना भयावह था कि संभल में चारों तरफ आगजनी हो रही थी।लोगों की लाशें सड़कों पर बिछी हुई थी। दंगों के बाद सैकड़ों हिंदुओं ने दहशत में आकर पलायन किया था। दंगों के दोबारा जांच करने का मकसद इस दंगे में शामिल उन लोगों के नाम भी सामने लाना है। जिनके नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं या राजनीतिक कारणों से दबा दिए गए हैं। इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन दंगों के बाद बेघर हुए लोगों की वास्तविक संख्या भी सामने लाने की कोशिश करेगा।
विधानसभा सत्र में CM योगी ने उठाया था संभल दंगे का मुद्दा
16 दिसंबर को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान CM योगी ने 1978 के संभल दंगे का मुद्दा उठाया। योगी ने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि 1978 के दंगों में 184 हिंदुओं को जिंदा जला दिया था। 1947 से अब तक संभल में हुए दंगों में 209 हिंदुओं की हत्या हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का मानना है कि जांच में हिंदुओं के साथ में काफी भेदभाव किया गया था। अब सरकार ने दंगों की फाइल को फिर से खोलने के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में गृह विभाग की ओर से संभल के जिलाधिकारी और सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को पत्र भेज दिया है। सभंल प्रशासन और पुलिस मिलकर आज से 47 साल पहले हुए दंगों की फिर से जांच करेंगे और 1 हफ्ते में जांच रिपोर्ट देंगे।
