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ISCKON Temple: मुंबई में PM मोदी ने इस्‍कॉन मंदिर का उद्घाटन, बोले-भारत को समझने के लिए अध्यात्म ही रास्ता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई दौरे में बुधवार को एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का लोकार्पण किया। इस मंदिर का निर्माण नवी मुंबई के खारघर में किया गया है। यह इस्कॉन का पहला ऐसा मंदिर है जिसमें संस्थापक स्वामी श्रील प्रभुपाद का स्मारक होगा। इस मंदिर का नाम श्री श्री राधा मदनमोहन जी मंदिर रखा गया है। यह मंदिर 12 साल में बनकर तैयार हुआ है। इस मंदिर को कुल 9 एकड़ में बनाया गया है। इस मंदिर के निर्माण पर करीब 200 करोड़ रुपये का खर्च आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि श्रील प्रभुपाद स्वामी को याद किया और कहा उन्होंने उस समय वेद वेदांत और गीता के महत्व को आगे बढ़ाया जब देश गुलामी की बेड़ियो में जकड़ा था।

हमारी सरकार जन कल्याणकारी कार्य कर रही है-पीएम मोदी

नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन करने के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने शौचालय बनाने, गरीबों के लिए घर बनाने और नागरिकों को एलपीजी कनेक्शन और चिकित्सा बीमा प्रदान करने जैसे कई कल्याणकारी उपाय शुरू किए हैं। मुझे संतोष है कि हमारी सरकार भी इसी सेवा भाव से काम कर रही है। इस मंदिर में अध्यात्म और सभी परंपरा के दर्शन होते हैं। यहां रामायण, महाभारत का म्यूजियम बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत केवल भौगोलिक सीमाओं में बंधा भूमि का एक टुकड़ा मात्र नहीं है। भारत एक जीवंत धरती है, एक जीवंत संस्कृति है और, इस संस्कृति की चेतना है- यहां का आध्यात्म! इसलिए, यदि भारत को समझना है, तो हमें पहले आध्यात्म को आत्मसात करना होता है। जो लोग दुनिया को केवल भौतिक दृष्टि से देखते हैं, उन्हें भारत भी अलग-अलग भाषा और प्रांतों का समूह नजर आता है लेकिन जब आप इस सांस्कृतिक चेतना से अपनी अपनी आत्मा को जोड़ते हैं, तब आपको भारत के विराट रूप के दर्शन होते हैं।”

एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर

इस्कॉन के दुनिया भर में लगभग 800 मंदिर हैं। लेकिन नवी मुंबई का यह मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां इस्कॉन के संस्थापक स्वामी श्रील प्रभुपाद का स्मारक है। इस मंदिर का निर्माण ग्लोरी ऑफ महाराष्ट्र प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। नवी मुंबई का यह मंदिर भक्ति, संस्कृति और वास्तुकला का संगम है। 200 करोड़ रुपये की लागत से बना यह मंदिर न केवल एशिया का दूसरा सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है, बल्कि भारतीय परंपराओं का भव्य प्रतीक भी है। 16 जनवरी से भक्त यहां भगवान के दर्शन कर सकेंगे, जो इस मंदिर को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिलाएगा। इस्कॉन मंदिर खारघर 9 एकड़ भूमि में फैला हुआ है। जिसमें से 5-6 एकड़ जमीन हरियाली से भरपूर है। इस मंदिर में तीन हजार भक्तों के एक साथ बैठने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा यहां आने वाले भक्तों के लिए रविवार को मुफ्त प्रसादम की व्यवस्था भी है।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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