उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम एक ट्रेन में आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे कुछ यात्री पास की पटरी पर विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। अधिकारियों ने इस हादसे में कम से कम अब तक 13 यात्रियों की मौत होने की जानकारी दी है। ब इस मामले से जुड़ा नया अपडेट सामने आया है। हादसे के वक्त ट्रेन पर मौजूद एक यात्री ने बताया कि ट्रेन में आग लगने की अफवाह एक चाय वाले ने फैलाई थी। हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि एक चाय वाले ने अफवाह फैला दी कि ट्रेन में आग लग गई है। इसके बाद ट्रेन के अंदर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। उस चायवाले ने खुद ही चेन खींच दी। जब ट्रेन धीमी होने लगी तो यात्री जान बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे।
चाय बेचने वाले ने आग लगने की अफवाह फैलाई
इस दुर्घटना पर अब उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने प्रतिक्रिया दी है. दुर्घटना कैसे हुई? अफवाह किसने फैलाई? अजित पवार ने इस बारे में बताया. घटना की जानकारी देते हुए अजित पवार ने कहा जिसे जनरल डिब्बे में सफर कर रहे उधल कुमार और विजय कुमार ने सुना। दोनों घबरा गए और बाद में लोग खुद को बचाने के लिए ट्रेन से कूदने लगे। पवार ने मीडिया से कहा- कुछ यात्री आग से बचने चलती ट्रेन से कूद गए, लेकिन ट्रेन की स्पीड ज्यादा थी इसलिए उनमें से एक ने चेन खींच दी। ट्रेन रुकने पर कई लोग उतर गए। दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने रेलवे ट्रैक पार कर रहे यात्रियों को टक्कर मार दी।
आग लगने के डर से चलती ट्रेन से कूदे यात्री
अधिकारियों के मुताबिक यह हादसा उस समय हुआ जब 12533 लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री आग लगने के डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूद गए और बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। यह दुर्घटना उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के निकट माहेजी और परधाड़े स्टेशन के बीच हुई। मध्य रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना में कम से कम अब तक 13 यात्रियों की मौत की सूचना है जबिक 15 अन्य यात्री घायल हो गए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजन को 1.5-1.5 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायल लोगों को 5 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की है।
