आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को मिली पंजाब पुलिस की सुरक्षा हटा ली गई है। पंजाब के DGP गौरव यादव ने कहा है कि चुनाव आयोग और दिल्ली पुलिस के निर्देश पर पंजाब पुलिस के जवान जो केजरीवाल की सुरक्षा में तैनात थे उन्हें वापस बुला लिया गया है। यह निर्णय दिल्ली पुलिस की आपत्ति के बाद लिया गया, जिसने चुनाव आयोग से शिकायत की थी। इस आदेश पर पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने कहा की अरविंद केजरीवाल को सिक्योरिटी थ्रेट्स हैं, जिसको लेकर हमे चिंता है। फिलहाल दिल्ली पुलिस से हम बात कर रहे हैं।
हमने चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया- पंजाब पुलिस
दरअसल, पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है और पार्टी का प्रमुख होने की वजह से पंजाब पुलिस केजरीवाल को सुरक्षा दे रही थी। पंजाब पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि समय-समय पर हमें मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल को धमकियों की रिपोर्ट मिलती रहती है और हम उन्हें संबंधित एजेंसियों के साथ साझा करते हैं। उन्होंने पटियाला में संवाददाताओं से कहा कि आज दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए हमने केजरीवाल जी की सुरक्षा में पंजाब पुलिस के जवानों को वापस बुला लिया है। पंजाब के डीजीपी ने कहा कि हमने अपनी चिंताएं बताई हैं। हम उनके संपर्क में रहेंगे। हम दिल्ली पुलिस के साथ अपने इनपुट्स शेयर करते रहेंगे।
जेड प्लस के साथ दूसरे राज्य की सुरक्षा नहीं ले सकते- दिल्ली पुलिस
फिलहाल दिल्ली के पूर्व सीएम और आप संयोजक केजरीवाल को जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त है, जिसमें 63 कर्मियों का एक विस्तृत सुरक्षा दल शामिल है। इस दल में एक पायलट, एस्कॉर्ट टीम, करीबी सुरक्षा कर्मचारी और तलाशी इकाइयां शामिल हैं। इसके अलावा, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 15 वर्दीधारी कर्मी तैनात हैं। दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक जबतक अरविंद केजरीवाल को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है तबतक वो दूसरे राज्य की सुरक्षा की नहीं ले सकते और न और न उनको दूसरे राज्य से सुरक्षा मिल सकती है, ये कानूनी तौर पर गलत है। अगर दूसरे राज्य के VVIP आते हैं और उनके साथ सुरक्षा होती है, तो वो भी 72 घंटे ही सिक्योरिटी रख सकते हैं। उसके लिए भी दिल्ली पुलिस को जानकारी देनी होती है। अगर जानकारी नहीं देते हैं, तो ये कानूनन गलत है।
