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Waqf Board Bill: JPC की बैठक में हंगामा, 10 विपक्षी सांसद सस्पेंड, जानिए और क्या-क्या हुआ?

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। इतना ही नहीं विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर बैठक की तारीख और एजेंडा बदलने का आरोप लगाते हुए तीखा विरोध जताया। इस बीच जगदंबिका पाल ने टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी पर उन्हें गाली देने का आरोप लगाया। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के प्रस्ताव पर 10 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के निलंबित सदस्यों में कल्याण बनर्जी, मोहम्मद जावेद, ए राजा, असदुद्दीन ओवैसी, नसीर हुसैन, मोहिबुल्लाह, मोहम्मद अब्दुल्ला, अरविंद सावंत, नदीम-उल हक और इमरान मसूद शामिल हैं।

निलंबित सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखा पत्र

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान हुए बवाल के बाद निलंबित विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल पर कई आरोप लगाए हैं। लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में विपक्षी सांसदों ने लिखा- ‘…जब आज सुबह 11 बजे बैठक शुरू हुई, तो हम विपक्षी सदस्यों ने अध्यक्ष की तरफ से कार्यवाही के संचालन के तरीके के खिलाफ अत्यंत सम्मान के साथ अपनी आवाज उठाई। चूंकि हम सभी अपमानित महसूस कर रहे थे इसलिए हम खड़े हुए और अपनी मांगों को बताने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाई। इस बीच, सभापति ने किसी से फोन पर बात की और अचानक से उन्होंने चिल्लाते हुए हमें निलंबित करने का आदेश दिया।”

ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ- मीरवाइज

विपक्ष ने आरोप लगाया कि BJP दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर के हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक ने भी प्रस्तावित संशोधन को वक्फ की स्वतंत्रता-कामकाज के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा, ‘इसमें कलेक्टर को मनमानी शक्तियां दी गई हैं। ये संशोधन पूरी तरह से मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हैं। इससे वक्फ अधिनियम का मूल उद्देश्य कमजोर होगा। ये मुस्लिम पर्सनल लॉ का उल्लंघन है। इनसे मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और अविश्वास बढ़ेगा। क्योंकि उनकी धार्मिक प्रॉपर्टीज अब सरकारी हस्तक्षेप से सुरक्षित नहीं रहेंगी।

बता दें वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को जेपीसी को भेजा गया था। विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने में मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।ं

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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