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दिल्ली चुनाव में किसकी घोषणा पत्र में है कौन से वादे,किसको मिलेगा जनता का साथ ?

दिल्ली विधानसभा चुनाव की लड़ाई हर रोज एक सियासी करवट लेती नजर आ रही है…सभी राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके वोटरों को लुभाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के चुनाव साथ न लड़ने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। लेकिन किसने घोषणा पत्र में क्या-क्या वादे किए हैं, चलिए जानते हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी पर विपक्षी दलों यानि बीजेपी और कांग्रेस लगातार यमुना की सफाई और दिल्ली में फैली गंदगी को लेकर हमलावर हैं। यहां तक कि भ्रष्टाचार और घोटाले के आरोपों की मार झेल रही आम आदमी पार्टी के लिए सत्ता में वापसी करना इतना आसान नहीं होने वाला है।अगर आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र पर नजर डाली जाए तो इसमें मिडिल क्लास को साधने की कोशिश की गई है। आम आदमी पार्टी ने हर महीने महिला सम्मान योजना के तहत 2100 रुपये देने का वादा किया है. रसोई गैस सिलेंडर पर 500 रुपये देने का वादा किया गया है.चूंकि दिल्ली में बाहर से आकर पढ़ने वाले छात्रों की संख्या भी काफी है तो आम आदमी पार्टी ने स्टूडेंट वोटर को लुभाने के लिए अपने घोषणा पत्र में बस फ्री करने का ऐलान किया है और मेट्रो के किराए में 50 प्रतिशत कटौती करने का वादा किया है। इसके साथ ही बिजली फ्री देने वाली योजना को जारी रखने की बात कही है और ये भी कहा है कि पानी के जितने भी बिल आ रहे हैं वो गलत हैं और उन्हें खत्म किया जाएगा।

इन सभी बातों से अलग आम आदमी पार्टी ने स्वास्थ्य को भी मुद्दा बनाते हुए बड़ा ऐलान किया है…पार्टी ने बुजुर्गों के इलाज के लिए संजीवनी योजना का ऐलान किया है, जिसमें 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग को दिल्ली के किसी भी प्राइवेट और सरकारी अस्पताल में मुफ्त में मिलेगा। इस दौरान आम आदमी पार्टी यहां धार्मिक पिच पर भी बैटिंग करने से नहीं चूकी…हर महीने 1800 रुपये पुजारीयो , ग्रंथियो, मस्जिद के मौलानाओं को देने का ऐलान किया है। तो वहीं बीजेपी की तरफ से ऐसे कोई वादे नहीं किए गए।

वहीं बात अगर अब बीजेपी के घोषणा पत्र की करें, जिसे संकल्प पत्र नाम दिया गया है तो बीजेपी ने भी आम आदमी पार्टी जैसा ही महिला कार्ड खेलने की कोशिश की है। बीजेपी ने महिलाओं के लिए 2500 रुपये हर महीने देने का वादा किया है, साथ ही गर्भवती महिलाओं को 21000 रुपए और 6 पौष्टिक आहार किट देने का भी वादा किया है. इसके अलावा गरीब बहनों को सिलेंडर पर 500 रुपये की सब्सिडी, होली-दीवाली पर एक-एक सिलेंडर फ्री देने का वादा किया है. तो कहीं न कहीं ये समझा जा सकता है कि बीजेपी के वादों की पोटली केजरीवाल की घोषणाओं से ज्यादा लुभावनी योजनाएं है।

हालांकि बीजेपी ने स्टूडेंट्स को लेकर कोई घोषणा अब तक नहीं कही है, तो वहीं कांग्रेस ने युवा वोटरों को अपनी ओर लुभाने के लिए शिक्षित बेरोजगार को 8500 रुपए देने का वादा किया है। बिजली पार्नी फ्री जैसी सुविधाओं की बीजेपी सत्ता में आने के बाद भी जारी रखेगी, ये कहा गया है, हालांकि कांग्रेस ने कहा है कि अगर दिल्ली में उनकी सरकार बनती है को 300 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी।

हेल्थ सेक्टर को लेकर भी बीजेपी ने बड़े वादे किए है, दिल्ली में सरकार बनने पर आयुष्मान योजना को लागू किया जाएगा। जिसके तहत 5 लाख का इलाज मिल सकेगा. वहीं, दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनने पर…सरकार की तरफ से अतिरिक्त 5 लाख रुपये इलाज के लिए दिया जाएगा यानी 10 लाख तक का इलाज दिल्ली के किसी भी अस्पताल में हो सकेगा.तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने 25 लाख रुपए का वादा अपने घोषणा पत्र में किया है।

बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में ऐसे वर्ग को साधने की कोशिश की है, जिसपर न तो कांग्रेस ने ध्यान दिया है और न आम आदमी पार्टी ने, बीजेपी ने बुजुर्ग मतदाताओं को लुभाने के लिए 60 से 70 वर्ष के बुजुर्गों के लिए पेंशन की राशि दो हजार रुपये से बढ़ाकर, 2500 रुपये करने का वादा किया है. वहीं, 70 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों आदि की पेंशन 2500 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये करने की बात कही है. वही इसके अलावा 2500 रुपये महीना पेंशन देने का ऐलान किया गया है, साथ ही बुजुर्गों को फ्री तीर्थ यात्रा कराने की भी घोषणा पार्टी ने की है. हालांकि कांग्रेस ने बुजुर्गों के लिए कोई ऐलान नहीं किया है.

लेकिन अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा खेल खेलने की कोशिश की है। अरविंद केजरीवाल ने मिडिल क्लास को टारगेट करते हुए उसे टैक्स टेरेरिज्म का शिकार बताया है। उनका कहना है कि बड़े व्यापारी नोट बैंक हैं तो मिडिल क्लास बीजेपी के लिए वोट बैंक है। और बीजेपी के राज में मिडिल क्लास भारी-भरकम टैक्स की मार झेल रहा है। अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को एक वीडियो जारी करते हुए मिडल क्लास मैनिफेस्टो जारी किया और केंद्र की मोदी सरकार से इस वर्ग के लिए 7 सूत्रीय मांग की। इतना ही नहीं, पार्टी ने मिडिल क्लास मैनिफेस्टो डॉट कॉम नाम से एक वेबसाइट भी लॉन्च की है। केंद्र सरकार के सामने अपनी 7 मांगों में अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शिक्षा बजट को 2 पर्सेंट से बढ़ाकर 10 पर्सेंट किया जाए। स्वास्थ्य योजनाओं से टैक्स हटाया जाए। इनकम टैक्स की छूट 7 लाख से 10 लाख की जाए…जरूरी चीजों से जीएसटी को हटाया जाए, वरिष्ठ नागरिकों को भारतीय रेलवे द्वारा 50 प्रतिशत की छूट दी जाए। लेकिन केजरीवाल शायद भूल गए हैं कि ये मांगें तो उन्होंने सरकार के सामने लोकसभा चुनाव के दौरान भी नहीं रखी थीं…तो क्या बस दिल्ली का चुनाव जीतने के लिए ही उन्हें ये बातें याद आ रही हैं।

बहरहाल, दिल्ली की लड़ाई में अभी तक इस त्रिकोणी मुकाबले में आम बनाम बीजेपी ही नजर आ रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि दिल्ली सरकार से मुस्लिम वोटर इस बार छिटककर कांग्रेस की तरफ जा सकता है, जिसका फायदा बीजेपी को मिले या न मिले, लेकिन आम आदमी पार्टी को नुकसान जरूर होगा।

Gargi Chandre
Author: Gargi Chandre

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