अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने मामले में उसकी दोषसिद्धि के खिलाफ समीक्षा याचिका खारिज कर दी है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमेन तहव्वुर राणा पर भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप है। भारत कई साल से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रहा था। राणा 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में दोषी है।
अब भारत में होगी राणा से पूछताछ
अगस्त 2024 में अमेरिकी कोर्ट ने भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने का आदेश दिया था। निचली अदालत ने पिछले साल सितंबर में ही तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ कर दिया था। मगर राणा ने निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। मगर ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के तुरंत बाद शुक्रवार को इसको लेकर फैसला आया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को जारी रखते हुए उसके भारत प्रत्यर्पण की मंजूदी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘‘याचिका को खारिज किया जाता है।’’ तहव्वुर राणा को वर्तमान में लॉस एंजिल्स के ‘मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर’ में हिरासत में रखा गया है। आतंकी राणा के पास भारत प्रत्यर्पित न किए जाने का यह आखिरी कानूनी मौका था। इससे पहले, वह सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय अदालतों में कानूनी लड़ाई हार चुका था। लिहाजा अब इस आतंकी को हिंदुस्तान लाया जाएगा, उसका ट्रायल शुरू होगा। 26/11 हमले को लेकर जो उसकी साजिश थी, इसको लेकर पूछताछ होगी।
तहव्वुर राणा पर डेविड हेडली की मदद का गंभीर आरोप
मुंबई हमले के दोषी तहव्वुर राणा पर डेविड हेडली की मदद का गंभीर आरोप है। उसने इस हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली को मुंबई में ठिकानों की रेकी में मदद की थी। भारत ने अमेरिका की कोर्ट में 26/11 हमले में ठिकानों की रेकी के मजबूत सबूत पेश किए थे।उसे साल 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया गया था। उस पर ISI और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने का आरोप भी लगा है। इसके अलावा उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिव बताया गया है।
लश्कर-ए-तैयबा का एक्टिव मेंबर था तहव्वुर राणा
तहव्वुर राणा मौजूदा समय में लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है। 63 वर्षीय राणा लश्कर-ए-तैयबा का एक्टिव मेंबर था और उसने आतंकी डेविड कोलमन हेडली को मदद पहुंचाई थी। हेडली मुंबई अटैक का मास्टरमाइंड है। हेडली के इशारे पर ही पूरी साजिश को अंजाम दिलवा रहा था। राणा डेविड का राइट हैंड था। बताया जाता है कि कंट्रोल रूम में जो शख्स बैठा हुआ था, वो तहव्वुर राणा ही था। मुंबई हमले के दोषी राणा के भारत आने के बाद जांच एजेंसियां 26/11 की साजिश को बेपर्दा करेगी। भारत उसके भी प्रत्यर्पण की मांग लंबे समय से करता आ रहा है। अब भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को लाने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ है। मगर बाद में वह कनाडा का नागरिक बन गया। कनाडा जाने से पहले राणा ने 10 वर्षों तक पाकिस्तान की सेना में बतौर डॉक्टर किया। बाद में वह भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने लगा।
