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दिल्ली चुनाव में इस समाज के लोगों का है खास दबदबा !

दिल्ली में सत्ता वापसी की कोशिश में जुटे अरविंद केजरीवाल वोटरों को लुभाने के लिए रोजना नई स्किम जनता के सामने ला रहे हैं.कभी दिल्ली मॉडल की मिशाल देकर वोट मांगने वाले केजरीवाल ने अपनी राजनीति का तरीका ही इस चुनाव में बदल दिया.2 बार आसानी से दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने वाली आम आदमी पार्टी के लिए 2025 की जंग आसान नहीं होने वाली है.इस बात को केजरीवाल बखुबी तरीके से समझते है.लेकिन क्या केजरीवाल की ये सियसी दांव दिल्ली की जनता पर असर करेगी.आपको बता दें दिल्ली की जनता वैसे तो किसी जाति धर्म पर वोट नहीं देती.देश के बाकी राज्यों की तुलना में दिल्ली की जनता का वोटिंग पैटर्न बिल्कुल ही अलग है.यहाँ की जनता जहां केंद्र में पीएम मोदी को पंसद करती है तो वहीं राज्य के चुनाव में उनकी पंसद केजरीवाल है.क्योंकि यहां की जनता काम पर वोट देती है.अरविंद केजरीवाल अपनी सत्ता बचाने के लिए रोजना नए-नए पैतरे अपना रहे हैं.दिल्ली मॉडल की मिशाल देने वाले केजरीवाल अब जाति की बिसात बिछाने से भी पीछे नहीं चुक रहे हैं.पिछले सात दिनों में केजरीवाल ने 2 बार खुद को बनिया का बेटा कहा.दिल्ली में फ्री बिजली है,फ्री पानी है यहाँ तक की महिलाओं के लिए बसे भी फ्री है.जिसकी वजह से दिल्ली अब अच्छे खासे कर्ज में है.इसको लेकर विपक्ष केजरीवाल की फ्री वाली रेवड़ी पर निशाना साध रहा है.और केजरीवाल से सवाल कर रहा है की वो अपनी फ्री की स्किम के लिए पैसे कहां से लाएंगे.जिसपर केजरीवाल ने कहा मैं बनिया का बेटा हूं,मुझे पता है पैसे कहां से लाने हैं.केजरीवाल ने ये कहकर न सिर्फ लोगों को अपनी स्किम पर विश्वास दिलवाने का काम किया बल्कि अपने इस बयान से जाति कार्ड भी खेल लिया.दिल्ली में 7 प्रतिशत बनिया समाज के लोग रहते है.इनका सबसे ज्यादा दबदबा चांदनी चौक और नई दिल्ली वाले वाले इलाके में है.नई दिल्ली वो सीट हैं जहां से खुद केजरीवाल मैदान में हैं.इन दोनों सीटों पर बनिया समुदाय के लोग बीस प्रतिशत रहते हैं.बीजेपी ने 68 सीटों में से 12 बनिया समाज से आने वाले लोगों को अपना उम्मीदवार बनाया है.आप की बात करे तो उन्होंने 9 नेताओं को टिकट दिया है जो की बनिया है.वही कांग्रेस ने 7 बनिया समाज के नेताओं को टिकट दिया है.दिल्ली में बनिया समाज के लोग सिर्फ टिकट पाने में नहीं बल्कि विधायकी जीतने में भी आगे हैं.2023 में दिल्ली में 70 में से 7 विधायक बनिया समाज के थे.2015 के चुनाव में ये संख्या बढ़कर 11 हो गई.दिल्ली में 10 प्रतिशत बनिया नेता विधायक हैं.और ये आम आदमी पार्टी और बीजेपी दोनों दलों से हैं.दिल्ली में 5 फरवरी को चुनाव है जिसका नतीजा 8 फरवरी को आना है.वैसे तो असली मुकाबला आप और बीजेपी के बीच दिख रही है.लेकिन कांग्रेस का आप से अलग होकर चुनाव जीतने से ये मुकाबला अब त्रिकोणिय हो गया है.लोकसभा में साथ में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस दिल्ली चुनाव में आप पर अपनी बातों से शोले बरसा रही है.जीत किसकी होगी इसका फैसला तो जनता के हाथ में ही हैं.

Gargi Chandre
Author: Gargi Chandre

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