संसद के चालू बजट सत्र का आज चौथा दिन है। आज चौथे दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने संसद में महाकुंभ भगदड़ पर मोदी और योगी सरकार को घेरा। अखिलेश यादव ने सदन में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कई सवाल पूछे। अखिलेश ने कहा- महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो, जिन्होंने सच छुपाया उसे दंडित किया जाए। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर अपराधबोध नहीं है तो आंकड़े क्यों छिपाए गए, जहां इंतजाम होना चाहिए था वहां प्रचार हो रहा था। इतने बड़े हादसे के बाद अब तो वो हॉर्डिंग उतार देने चाहिए, आंकड़े दबाए, छिपाए मिटाए क्यों गए।
काम नहीं सिर्फ प्रचार किया गया-अखिलेश
अखिलेश ने कहा कि कुंभ का आयोजन कोई पहली बार नहीं हुआ है। समय समय पर जिसकी भी सरकारें रही हैं, इसका आयोजन करती रही हैं। इस बार इतना प्रचार किया गया महाकुंभ का, कहा गया कि 144 साल बाद ये कुंभ आया है। कहा गया कि सौ करोड़ लोगों की व्यवस्था है। अगर ये बात सही नहीं है जो मैं कह रहा हूं तो सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हूं। अखिलेश ने कहा कि महिलाओं के कपड़े, लोगों की चप्पलें जो वहां पड़ी थीं, उन्हें जेसीबी से उठाकर ट्रॉलियों से हटाया गया। सरकार बताए कि शव कहां फेंके गए।
सरकार अभी तक मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई-अखिलेश
अखिलेश ने मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई। बच्चों के आंकड़े तो नदारद है। खोया-पाया केंद्रों पर लोग अपनों को खोज रहे हैं। महाकुंभ में लोगों ने अपनों को खोया उन्होंने महाकुंभ में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखे जाने की मांग करते हुए अखिलेश ने कहा कि हादसे के दिन शाही स्नान वक्त पर नहीं हो पाया। शाही स्नान का मुहूर्त होता है, ये सनातन परंपरा रही है। यह परंपरा उस दिन टूटी है।
‘महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए’
अखिलेश ने आगे कहा कि मेरी मांग है कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं। महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले। हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?’
