नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भारतीय चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी की गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज दावा किया है कि पिछले साल हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की गई है। उन्होंने दावा किया कि बीते पांच साल में महाराष्ट्र में 7 लाख वोटर्स जुड़ गए। उन्होंने सवाल उठाया कि चुनाव से ठीक पहले राज्य में इतने लोग कहां से आ गए। राहुल गांधी ने कहा कि CEC चुनने की प्रक्रिया बदली गई।। राहुल गांधी ने आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदाताओं और मतदान सूची में गड़बड़ी पाई गई है। हमारी टीमों ने इस पर काम किया है। इस पर हमें कई अनियमितताएं मिली हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले इतने वोटर कहां से आए- राहुल
राहुल गांधी ने दिल्ली में एनसीपी-शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले और शिवसेना (UBT) के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसमें उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र की सरकार के मुताबिक, राज्य में 9.54 करोड़ वयस्क हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, महाराष्ट्र में 9.7 करोड़ वोटर हैं। इसका मतलब कि आयोग जनता से कह रहा है कि महाराष्ट्र में पॉपुलेशन से ज्यादा वोटर हैं। ये कैसे हो सकता है। उन्होंने आगे ये भी कहा कि महाराष्ट्र में हमारा वोट कम नहीं हुआ, बल्कि बीजेपी का वोट ज्यादा बढ़ा है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में बीते 5 साल में 32 लाख वोटर जुड़े, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच 39 लाख वोटर जोड़े गए. उन्होंने पूछा कि विधानसभा चुनाव से पहले इतने वोटर कहां से आए?
राहुल ने चुनाव आयोग को भी निशान पर लिया
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की भी आलोचना की है। उन्होंने चुनाव आयुक्त के चयन का मुद्दा उठाया। राहुल गांधी ने कहा, “महाराष्ट्र की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी गंभीर अनियमितताओं को दर्शाती है। निर्वाचन क्षेत्रों में बीजेपी की जीत का अंतर मतदाता सूची में जोड़े गए अंतर के बराबर है। राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीतिक पार्टियां आपसे सवाल पूछ रही हैं लेकिन चुनाव आयोग हमें लिस्ट नहीं दे रहा है. उनकी जिम्मेदारी बनती है कि जल्द से जल्द एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस पार्टी को लिस्ट पकड़ा दें क्योंकि हम इस जांच को आगे ले जाना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश के लिए, विशेष रूप से लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले और उसमें विश्वास रखने वाले युवाओं के लिए, इन निष्कर्षों के बारे में जागरूक होना और उन्हें समझना जरूरी है।
