महाकुंभ 2024 का आज 41वां दिन है। संगमनगरी प्रयागराज के त्रिवेणी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का नया रिकॉर्ड बना है।यहां अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम कर दी है। 60 करोड़ से अधिक की यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मनुष्य के अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, खासकर महाशिवरात्री के पावन स्नान से पहले, पिछले पांच दिनों में हर दिन 1 करोड़ से अधिक भक्त यहां आ रहे हैं।
पूरी दुनिया महाकुंभ की शक्ति की प्रशंसा कर रही है-CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में महाकुंभ को लेकर विरोधियों को आइना दिखाया। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी से 22 फरवरी के बीच 60 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई है। यह उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को दुनिया के सामने रखता है। उन्होंने कहा कि क्या 60 करोड़ लोग एक निश्चित समयसीमा के अंदर एक जगह पर एकत्र हो पाएंगे क्या? सीएम योगी ने कहा कि यह अन्यत्र कठिन है, यह केवल प्रयागराज में ही हो सकता है, प्रयागराज में ही हो सकता है। इस सामर्थ्य का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में महाकुंभ लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया महाकुंभ की शक्ति की प्रशंसा कर रही है। जिन्हें विकास पसंद नहीं, वे महाकुंभ को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
आखिरी अमृत स्नान से पहले ही 60 करोड़ का आंकड़ा पार
भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में होता है। इस बार यह आयोजन 13 जनवरी से प्रारंभ हुआ और 26 फरवरी को संपन्न होगा। महाकुंभ के तहत अब तक मकर संक्रांति, पौष पूर्णिमा, बसंत पंचमी, मौनी अमावस्या और माघी पूर्णिमा के स्नान पर्व पर करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। अभी 26 फरवरी संगम में आए हुए कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक करीब 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई। इसके अलावा वसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं, माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया।
