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“गिद्धों को लाश, सूअरों को गंदगी…” महाकुंभ की आलोचना करने वालों पर बरसे CM योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद जवाब देते हुए विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वही मिला।गिद्धों को लाश मिली, सूअरों को गंदगी। जिसकी जैसी नीयत थी, दृष्टि थी, उसको वैसा ही मिला। समाजवादी और वामपंथियों को सनातन की सुंदरता कैसे नजर आएगी।” CM योगी ने ये भी कहा कि महाकुंभ में गड़बड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

‘महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला’

सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर बरसते हुए कहा कि सपा को महाकुंभ में गंदगी दिखती है और सनातन में उसकी कोई श्रद्धा नहीं है। महाकुंभ में जिसने जो तलाशा, उसको वह मिला। गिद्धों को लाश, सुअरों को गंदगी मिली. संवदेनशील लोगों को रिश्तों की खूबसूरत तस्वीर मिली। आस्थावानों को पुण्य मिला, गरीबों को रोजगार, अमीरों को धंधा मिला, भक्तों को भगवान मिले, श्रद्धालुओं को साफसुथरी व्यवस्था मिली, पर्यटकों को अव्यवस्था मिली, सद्भावना वाले लोगों को जाति रहित व्यवस्था मिली,मतलब सबने अपने स्वभाव और चरित्र के अनुसार चीजों को देखा है।

हमने लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया-CM योगी

सीएम योगी ने कहा, “आपने (विपक्ष ने) महाकुंभ के बारे में जो कहा, एक जाति विशेष के व्यक्ति को महाकुंभ में जाने से रोका गया, हमने कहा था कि जो लोग सद्भावना से जाते हैं, वे जा सकते हैं लेकिन अगर कोई दुर्भावना से जाता है, तो वे परेशानी में पड़ जाएंगे…हमने लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं किया। CM ने आगे कहा कि महाकुंभ में एक ही घाट पर सभी जाति के लोग साथ में डुबकी लगा रहे हैं, वहां न जाति का भेद है, न क्षेत्र का भेद है, न मत और मजहब का भेद है, न गरीब-अमीर का भेद है, इससे बड़ी एकात्मकता का संदेश और क्या हो सकता है। आखिर सनातन की सुंदरता समाजवादियों और वामपंथियों को कैसे नज़र आएगी। लेकिन इनके द्वारा लगातार किए जाने वाले प्रश्न इनकी नीयत को ही संदेह के दायरे में खड़ा करती है।

‘अगर विश्वस्तरीय व्यवस्था नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु न आते’

अपने संबोधन के दौरान सीएम आदित्यनाथ ने कहा, “नेता प्रतिपक्ष अब समाजवादी से सनातनी हो गए हैं. यह देखकर अच्छा लगा कि उन्होंने अपने सदस्यों को सनातन को लेकर टोंका भी था। महाकुंभ की चर्चा हुई, कई बातें कही गईं। अयोध्या के बारे में चर्चा की गई। यह अच्छा लगा आपने महाकुंभ को स्वीकार कर लिया, अयोध्या को स्वीकार किया, सनातन को स्वीकार किया। हमारे यहां मान्यता भी यही है कि सोशलिस्ट यानी समाजवादी जब अंतिम पायदान पर खड़ा होता है तो उसे धर्म की याद आती है। उन्होंने कहा कि इस बार आप महाकुंभ गए, वहां स्नान किया और व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की। आपने माना कि महाकुंभ में अगर विश्वस्तरीय व्यवस्था नहीं होती तो अब तक 63 करोड़ श्रद्धालु न आते।”

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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