दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को सदन में शराब नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की गई। दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट सदन में रखी। जिसको लेकर विधानसभा में काफी हंगामा हुआ है। इतना ही नहीं, दिल्ली में बनी सीएम रेखा के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने ऐलान किया है कि वह आप सरकार के दौरान पेंडिंग रही सभी 14 CAG रिपोर्ट को भी सदन में पेश की है। वहीं LG वीके सक्सेना ने कहा कि पिछली सरकार ने इस रिपोर्ट को रोककर रखा था। इसे सदन में नहीं रखा। उन्होंने संविधान का खुलेआम उल्लंघन किया।
रिपोर्ट पेश होने के बाद हुआ हंगामा, सस्पेंड हुए AAP के 21 विधायक
कैग रिपोर्ट पेश होने के बाद आम आदमी पार्टी और बीजेपी विधायकों में संग्राम और तेज हो गया। दोनों में रार बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने ‘आप’ के 21 विधायकों को तीन दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कैग रिपोर्ट पेश करने के बाद अरविंद केजरीवाल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कैग रिपोर्ट में 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है। वहीं रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर राज्य की पूर्व सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों का जानबूझकर उल्लंघन किया। कहा कि दिनांक 24 जनवरी 2025 को दिए गए अपने फैसले में की गई टिप्पणी की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं। कहा कि रिपोर्ट हाई कोर्ट की जो टिप्पणी आती है इस पूरे मामले में कैग की रिपोर्ट को किस तरह से दबाया गया। हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया जानबूझकर सरकार ने रिपोर्ट को अपने पास दबाए रखा।
2000 करोड़ रुपए का घाटा होने का अनुमान
खबरों के मुताबिक ये रिपोर्ट बताती है कि CAG ने हाल के वर्षों में दिल्ली के उपराज्यपाल को एक दर्जन से ज्यादा ऑडिट रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन पिछली आम आदमी पार्टी की सरकार ने किसी भी रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं किया, जिसके चलते बीजेपी विधायक हाई कोर्ट तक चले गए थे। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। पॉलिसी कमजोर थी और लाइसेंस प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई। एक्सपर्ट पैनल ने पॉलिसी में कुछ बदलाव के सुझाव दिए थे, जिन्हें तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने नजरअंदाज कर दिया।
