जनवरी के खत्म होने के साथ ही ठंड भी खत्म हो गई है। सर्दी के मौसम में देश के ज्यादातर हिस्सों में गर्मी आ गई। फरवरी महीने में गर्मी ने पिछले 125 सालों का रिकॉर्ड (February Hottest In 125 Years) तोड़ दिया है। देश का फरवरी 2025 का औसत (मीन) तापमान 22.04 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.34 डिग्री अधिक था। इससे पहले 2016 में फरवरी में सामान्य से 1.29 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मासिक संवाददाता सम्मेलन में फरवरी माह के मौसम की जानकारी दी गई। साथ ही, मार्च से मई माह का पूर्वानुमान जारी किया गया।
जनवरी-फरवरी में औसत तापमान से ज्यादा रही गर्मी
देश के पूर्वी और उत्तर पूर्वी इलाकों में इतिहास का दूसरा सबसे ज्यादा गर्म जनवरी का महीना रहा है। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.77 डिग्री सेल्सियस तक ऊपर चला गया। चौंकाने वाला पहलू यह भी है कि इस साल जनवरी में देश के किसी भी हिस्से में सामान्य से कम तापमान रिकॉर्ड नहीं किया गया है। जनवरी और फरवरी दोनों महीनों में तापमान सामान्य से 1-2 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। दक्षिणी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में यह 3 डिग्री सेल्सियस तक ज्यादा रहा। फरवरी की शुरुआत में ही कई जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया। माह के अंत तक झांसी में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया।
मई-जून में हेवी हीट वेव चलने की संभावना
फरवरी की गर्मी तो सिर्फ ट्रेलर था पिक्चर तो अभी बाकी है। मौसम विभाग के मुताबिक मई-जून में इस बार सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ेगी। 1901 के बाद जब से देश में मौसम का रिकॉर्ड रखने की शुरुआत हुई, उसके बाद फरवरी 2025 देश में सबसे गर्म दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने शुक्रवार को कहा कि देश के ज्यादातर हिस्सों में मार्च से मई तक सामान्य से ज्यादा गर्मी पड़ने की संभावना है। इस दौरान लू चलने का भी अनुमान है। वहीं न्यूनतम तापमान की बात करें तो मार्च से मई के दौरान देश के अधिकतर इलाकों में न्यूनतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने के आसार हैं। हालांकि भारतीय प्रायद्वीप के कुछ सुदूर दक्षिणी इलाकों में जहां न्यूनतम तापमान के सामान्य रहने की संभावना जताई गई है। मार्च के महीने में तापमान संबंधी मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि भारत के अधिकतर इलाकों में अधिकतम तापमान के सामान्य से अधिक रहने का अनुमान लगाया गया है, सिवाय भारतीय प्रायद्वीप के कुछ दक्षिणी हिस्सों, जहां अधिकतम तापमान के सामान्य से कम रहने की संभावना है। मार्च से मई 2025 के दौरान, पूर्वोत्तर भारत, सुदूर उत्तर भारत और भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर इलाकों में हीटवेव वाले दिनों की संख्या के सामान्य से अधिक रहने की आशंका जताई गई है।
