कनाडा में हाल ही में महत्वपूर्ण राजनीतिक परिवर्तन हुआ है। लिबरल पार्टी के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नी को अपना नया नेता चुनने के बाद, उन्होंने जस्टिन ट्रूडो की जगह कनाडा के 24वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा:
जस्टिन ट्रूडो ने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था। अपने विदाई भाषण में, उन्होंने पिछले दस वर्षों में मध्यम वर्ग और उससे जुड़ने के लिए की गई पहलों पर गर्व व्यक्त किया और कनाडा के भविष्य के लिए निरंतर संघर्ष की आवश्यकता पर जोर दिया।
मार्क कार्नी का चयन और शपथ ग्रहण:
मार्क कार्नी ने लिबरल पार्टी के नेतृत्व की दौड़ में 86 प्रतिशत वोट हासिल किए, जो उनकी व्यापक स्वीकृति को दर्शाता है। वे बिना किसी विधायी या कैबिनेट अनुभव के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले कनाडाई होंगे। उनकी शपथ ग्रहण प्रक्रिया 14 मार्च 2025 को आयोजित की गई, जिसमें गवर्नर जनरल मैरी साइमन ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
भारत पर संभावित प्रभाव:
मार्क कार्नी ने अपने चुनाव अभियान में भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को पुनर्जीवित करने की इच्छा व्यक्त की थी। यदि वे इस दिशा में कदम उठाते हैं, तो इससे भारत और कनाडा के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों में सुधार हो सकता है। इसके अलावा, कार्नी की वैश्विक वित्तीय अनुभव को देखते हुए, दोनों देशों के बीच वित्तीय सहयोग में भी वृद्धि की संभावना है।
अंततः, मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने से कनाडा की आंतरिक और बाहरी नीतियों में नए दृष्टिकोण की उम्मीद जताई जा रही है, जिसका प्रभाव भारत सहित अन्य देशों पर भी पड़ सकता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप नीचे दिए गए वीडियो में मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने की प्रक्रिया और उनके भारत-कनाडा संबंधों पर विचार सुन सकते हैं: