शंभू बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस का बड़ा एक्शन – 20 मार्च 2025
पंजाब में शंभू बॉर्डर पर किसानों के खिलाफ पंजाब पुलिस ने आज (20 मार्च 2025) एक बड़ा एक्शन लिया। पंजाब पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों द्वारा जारी धरने को समाप्त कर दिया और धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हटाकर, कई किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई शंभू बॉर्डर पर महीनों से जारी आंदोलन को खत्म करने के उद्देश्य से की गई थी।
क्या हुआ आज शंभू बॉर्डर पर?
शंभू बॉर्डर, जो पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित है, पिछले 13 महीनों से किसानों का धरनास्थल बना हुआ था। किसानों का कहना था कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन आज पंजाब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए किसानों को धरने से हटा दिया। पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल करते हुए किसानों द्वारा बनाए गए अस्थायी और स्थायी निर्माणों को ध्वस्त किया।
किसान नेताओं की गिरफ्तारी
इस कार्रवाई के दौरान कई प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया। इनमें सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल जैसे नामी किसान नेता शामिल हैं। यह नेता पुलिस द्वारा किए गए ऑपरेशन के दौरान मोहाली में गिरफ्तारी से पहले शंभू बॉर्डर लौट रहे थे। पंजाब सरकार का कहना है कि धरने के कारण राज्य में व्यापार और आम जीवन प्रभावित हो रहा था, और अब इस आंदोलन का अंत जरूरी था।
राज्य सरकार का रुख
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इस कार्रवाई को सही ठहराया है और कहा कि राज्य के राजमार्गों के लंबे समय तक बंद रहने से राज्य की अर्थव्यवस्था और व्यापार पर बुरा असर पड़ा था। मंत्री ने यह भी कहा कि अब इन रास्तों को खोलने से व्यापार में गति आएगी और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री की प्रतिक्रिया
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुद्दे पर एक बयान दिया और कहा कि किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल के बीच चंडीगढ़ में हुई बैठक सकारात्मक रही। चौहान ने यह भी घोषणा की कि इस मुद्दे पर अगली बैठक 4 मई को होगी।
किसानों का विरोध जारी
किसान नेताओं ने इस कार्रवाई के बावजूद विरोध जारी रखने का संकेत दिया है। किसान नेता गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि पुलिस ने किसानों को उनके गंतव्य की ओर बढ़ने से रोकने के लिए मोहाली में अवरोधक लगा दिए थे। उन्होंने दावा किया कि इस कार्रवाई से किसान और आंदोलनकारी और अधिक संगठित होंगे।
शंभू और खनौरी पर पुलिस की सख्ती
पुलिस की सख्ती ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पुलिस ने वहां से सभी मंच और अस्थायी शरण स्थल हटा दिए। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद बॉर्डर पर यातायात बहाल कर दिया गया, जिससे सामान्य जीवन में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या आगे होगा?
अब जबकि पंजाब पुलिस ने शंभू बॉर्डर पर धरना समाप्त कर दिया है, क्या किसान इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करेंगे या नहीं, यह भविष्य के घटनाक्रम पर निर्भर करेगा। हालांकि, किसानों का कहना है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ बैठक के बाद, किसानों को उम्मीद है कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द निकलेगा, लेकिन साथ ही वे पुलिस की कार्रवाई को अन्यायपूर्ण मानते हैं।
किसान आंदोलन का यह नया अध्याय आगामी दिनों में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच वार्ता और संघर्ष का सिलसिला जारी रहने की संभावना है।
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