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Chaitra Navratri 2025: 29 या 30 मार्च! कब से शुरु होगी चैत्र नवरात्रि?

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से होती है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करने से न सिर्फ उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है बल्कि व्यक्ति को कई लाभ भी मिलते हैं। आइये जानते हैं कि इस साल कब से शुरू हो रही है चैत्र नवरात्रि, क्या हैं नवरात्रि की नौ तिथियां, किस दिन होगी कौन सी देवी की पूजा और क्या है देवी पूजन का महत्व।

30 मार्च से शुरु होगी नवरात्रि

इस साल नवरात्रि 30 मार्च, रविवार से शुरू हो रही हैं। स दिन हिंदू नव वर्ष का भी प्रारंभ होगा। चैत नवरात्र समापन 7 अप्रैल को होगा । इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ और समापन दोनों ही रविवार को हो रहा है। यानी कि इस साल मां दुर्गा का आगमन और प्रस्थान हाथी पर होगा। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बहुत ही शुभ संकेत माना जाता है। हाथी पर माता के आगमन का अर्थ है इस साल अच्छी वर्षा होगी। इसलिए इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि समेत कई शुभ योग में हो रही है। इनकी वजह से नवरात्रि पर मां दुर्गा का पूजन अति फलदायी होने वाला है। हालांकि, रविवार से शुरू हो रही नवरात्रि में इस बार 8 दिन ही व्रत रखा जाएगा, लेकिन माता के नौ स्वरूपों की पूजा होगी।

Navratri 2025
चैत्र नवरात्रि के नौ दिन

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, मां को पहाड़ों की पुत्री माना जाता है। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन होता है, मां ब्रह्म के समान आचरण करने वाली हैं। तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होगी, माता चांद की तरह चमकने वाली हैं। चौथे दिन मां कूष्मांडा का पूजन होता है। मां के पूरे संसार में पैर फैले हैं। पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा होती है। मां कार्तिक स्वामी की माता हैं। छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, मां का जन्म कात्यायन आश्रम में हुआ था इसलिए उन्हें इस नाम से जाना जाता है। सातवें दिन कालरात्रि की पूजा होगी, मां काल का नाश करती हैं। आठवें दिन मां महागौरी का पूजन होगा, मां सफेद रंग वाली हैं और 9वें दिन सभी सिद्धियां प्रदान करने वाली मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

चैत्र नवरात्रि 2025 तिथि मुहूर्त और ब्रह्म मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि 29 मार्च शनिवार को शाम 04:27 बजे से लेकर 30 मार्च रविवार को दोपहर 12:49 बजे तक रहेगी। उसके बाद से द्वितीया तिथि लग जाएगी. सूर्योदय की तिथि के अनुसार, चैत्र नवरात्रि का पहला दिन 30 मार्च को है। वहीं
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन स्नान के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त को माना जाता है। जो लोग कलश स्थापना करना चाहते हैं, उनको ब्रह्म मुहूर्त में स्नान आदि करके निवृत हो जाना चाहिए। उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:41AM से 05:27AM तक है।

चैत्र नवरात्र घटस्थापना सामग्री

हल्दी, कुमकुम, कपूर, जनेऊ, धूपबत्ती, निरांजन, आम के पत्ते, पूजा के पान, हार-फूल, पंचामृत, गुड़ खोपरा, खारीक, बादाम, सुपारी, सिक्के, नारियल, पांच प्रकार के फल, चौकी पाट, कुश का आसन, नैवेद्य आदि।

नवरात्रि पूजन का शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि का आरंभ 30 मार्च को सूर्योदय के साथ होगा और यह 6 मार्च को नवमी तिथि के समाप्त होगी। इसमें पूजा का आरंभ करने के लिए दोपहर में अभिजीत मुहूर्त उत्तम है, जिसमें घटस्थापना करना बेहद शुभ होगा। वैसे सूर्योदय के साथ भी आप नवरात्रि पूजन शुरू कर सकते हैं, लेकिन सुबह 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे के बीच घटस्थापना करने से बचें।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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