भूकंप से म्यांमार में भारी तबाही, 1644 से ज्यादा लोगों की मौत, भारत ने भेजी मदद
28 मार्च 2025 को म्यांमार, चीन, थाईलैंड और भारत में आए भूकंप ने बड़े पैमाने पर तबाही मचाई। इस भूकंप ने म्यांमार में सबसे अधिक नुकसान पहुँचाया, जहां अब तक भूकंप से मरने वालों का आंकड़ा हुआ 1644, तीन हजार से ज्यादा घायल। म्यांमार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि कई इलाके अभी भी पूरी तरह से जाँच और राहत कार्यों से नहीं जुड़े हैं।
भूकंप की तीव्रता और असर
भूकंप का पहला झटका 28 मार्च को दोपहर 12:50 बजे महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 7.7 थी। इसका केंद्र म्यांमार के निकट था। इस पहले झटके के बाद, 12 मिनट में एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.4 मापी गई। इन झटकों ने पूरी तरह से म्यांमार और उसके आसपास के क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया।
भारत ने म्यांमार को दी सहायता की पेशकश
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार में आए इस विनाशकारी भूकंप के मद्देनजर म्यांमार के सत्तारूढ़ जनरल से संपर्क किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के साथ है और हर संभव सहायता प्रदान करेगा।” भारत ने तुरंत राहत सामग्री, चिकित्सा सहायता और बचाव दल म्यांमार भेजने की पेशकश की है।
भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस भूकंप में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल लोगों की जल्दी से जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “हमारे विचार और प्रार्थनाएँ म्यांमार के नागरिकों के साथ हैं। इस दुखद घड़ी में भारत म्यांमार के साथ खड़ा है।”
राहत कार्य और मदद
म्यांमार में भूकंप के कारण भारी तबाही हुई है। सड़कों, इमारतों और पुलों का ढह जाना लोगों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रहा है। राहत कार्यों में पहले से ही स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठन जुट गए हैं। भारत ने इस संकट में म्यांमार की मदद के लिए अपनी चिकित्सा टीमों और बचाव दलों को भेजने का ऐलान किया है।
साथ ही, चीन, थाईलैंड और भारत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए, हालांकि इन देशों में जान-माल की क्षति म्यांमार जितनी गंभीर नहीं रही। इन देशों ने भी म्यांमार को राहत सहायता प्रदान करने का वादा किया है।
भूकंप के बाद की स्थिति
म्यांमार के राहत एजेंसियों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भूकंप के बाद से कई इलाके पूरी तरह से अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। इसके बावजूद, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय म्यांमार के नागरिकों के लिए हर संभव मदद भेजने में जुटा है।
यह भूकंप म्यांमार के लिए एक बड़ा संकट लेकर आया है, और भारत जैसे देशों की मदद से उम्मीद है कि म्यांमार इस मुश्किल समय से उबर पाएगा।
भूकंप के इस भयावह हादसे ने लाखों लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया है। संकट की इस घड़ी में भारत ने जिस तरह से म्यांमार के साथ अपनी एकजुटता दिखाई है, वह सराहनीय है। इससे यह भी जाहिर होता है कि आपसी सहयोग और मदद से ही हम बड़े संकटों से बाहर निकल सकते हैं। म्यांमार में जो लोग अब तक अपनी जान गंवा चुके हैं, उनकी आत्मा को शांति मिले, और जो घायल हुए हैं, उन्हें शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो।
