औरंगजेब और उसकी कब्र को लेकर देशभर में सियासत जारी है। नागपुर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर हिंसा भी देखने को मिली। इस बीच पूरे प्रकरण पर आरएसएस का महत्वपूर्ण बयान सामने आया है। आरएसएस नेता सुरेश जोशी ने कहा कि औरंगजेब मकबरे का मामला अनावश्यक रूप से उठाया जा रहा है। जो भी व्यक्ति आस्था रखता है, वह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित इस ढांचे के दर्शन करेगा। औरंगजेब की मृत्यु यहीं हुई थी और उनकी कब्र बनाई गई थी। छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की कब्र बनवाकर एक मिसाल कायम की थी। यह भारत की उदारता और समावेशिता को दर्शाता है, कब्र बनी रहेगी और जो कोई भी इसे देखना चाहे, वो जा सकता है।
‘इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए’
दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि ‘इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना ऐसा नहीं किया जा सकता था.’ राज ठाकरे की टिप्पणियों और मुगल शासक की कब्र के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा, ‘औरंगजेब की कब्र का विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है. उसकी मृत्यु यहीं (भारत में) हुई थी, इसलिए उसकी कब्र यहीं बनाई गई है. जिनकी आस्था है, वे जाएंगे।’
भैयाजी जोशी ने पीएम मोदी के महाराष्ट्र दौरे पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी का 30 मार्च को कार्यक्रम अच्छा रहा। सेवा के प्रति उनकी रुचि कोरोना काल में देखने को मिली। उन्होंने कोरोना काल में ऊर्जा प्रदान करने का काम किया। माधव नेत्रालय का भूमि पूजन उनके हाथों संपन्न हुआ। जल्द ही यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। इसके साथ ही उन्होंने संघ के उत्तराधिकारी के विषय पर भी बात की। भैयाजी जोशी ने कहा कि यह परंपरा के अनुसार होगा। पीएम मोदी के उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। भैयाजी जोशी के अवाला महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रधानमंत्री मोदी के उत्तराधिकारी वाले सवाल पर प्रतिक्रिया दी है।
