Waqf Ammendment Bill 2025: वक्फ विधेयक आज लोकसभा में पेश कर दिया गया। सदन में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष और सरकार के नेताओं के बीच जोरदार बहस देखने को मिल रही है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को वक्फ संशोधन बिल 2024 लोकसभा में पेश किया। सुबह 12 बजे से बिल पर 8 घंटे की चर्चा शुरू हुई। बिल के जरिए वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को कानूनी दायरे में लाए जाने का प्रस्ताव है। बिल को केंद्र की सरकार में शामिल TDP और JDU ने समर्थन दिया। जैसे ही बिल को लोकसभा में पेश किया गया वैसे ही विपक्ष आपत्ति जताने लगा, जिस पर गृह मंत्री अमित शाह ने उठकर कहा कि कांग्रेस की कमिटियां बस ठप्पा लगाती थीं। सदन में चर्चा के दौरान एक पल वो भी आया, जब विपक्ष का दिल बदलने के लिए किरेन रिजिजू ने कविता सुनाई. अब सदन में बिल पर चर्चा चल रही है। वक्फ बिल पेश होने से एनडीए और इंडिया गठबंधन में बैठकों सिलसिला चला। एक तरफ इंडिया गठबंधन के घटकदलों की बैठक हुई, वहीं दूसरी तरफ एनडीए की भी बैठक हुई। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद भवन पहुंचे। वक्फ बिल को लेकर आज सदन में घमासान हो रहा है।
मंत्री किरेन रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी
बिल पर चर्चा में रिजिजू ने 58 मिनट अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्राइम प्रॉपर्टी को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दीं। ऐसा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया, पर चुनाव हार गए। रिजिजू ने कहा- अगर हमने आज यह संशोधन बिल पेश नहीं किया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार सत्ता में नहीं आती तो कई अन्य संपत्तियां भी गैर-अधिसूचित हो गई होतीं। सपा नेता अखिलेश यादव ने बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिमों से उनके घर-दुकान छीनने की साजिश बताया।
जेडीयू और तेलुगु देशम पार्टी का मिला समर्थन
वक्फ संसोधन बिल(Waqf Ammendment Bill 2025) पर जेडीयू नेता और पंचायती राज मंत्री रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि ये नैरेटिव बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि ये बिल मुसलमान विरोधी है। ये बिल कहीं से मुसलमान विरोधी नहीं है। वक्फ कोई मुस्लिम संस्था है क्या।वक्फ कोई धार्मिक संस्था नहीं, एक ट्रस्ट है जो मुसलमानों के कल्याण के लिए काम करता है। देश की जनता मोदीजी को पसंद करती है इसलिए मोदीजी समाज के हर तबके के लिए काम करने का काम करते हैं। मोदीजी ने आज वक्फ को आपके चंगुल से निकाल के आम मुसलमान की तरफ फेक दिया है उनके कल्याण के लिए काम करने के लिए. दो तरह के लोग इसके खिलाफ हैं- एक जो वोट के लिए काम करते हैं, दूसरे जिनका वक्फ पर कब्जा था। इस संशोधन के विरोध का कोई कारण नहीं है। वक्फ के काम में कहीं से हस्तक्षेप की बात नहीं है। वक्फ की आमदनी सही जगह खर्च हो, इस पर नजर रखने के लिए संशोधन आया है, इसमें क्या दिक्कत है।
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कहा कि वक्फ के पास 1.2 लाख करोड़ से अधिक की संपत्ति है। ये संपत्तियां मिसमैनेजमेंट का शिकार हैं, हमारी पार्टी का ये मानना है कि इस संपत्ति का इस्तेमाल मुस्लिमों के कल्याण के लिए, महिलाओं के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। हमारा मानना है कि इसमें सुधार होना चाहिए। हम सबसे पहला दल थे जिसने जेपीसी की मांग की थी। उन्होंने कहा कि 97 लाख से अधिक कम्युनिकेशन हुए। रिवाइज्ड बिल 14 संशोधनों के साथ आया। हमारी पार्टी ने तीन सुझाव दिए थे और तीनों सुझाव माने गए हैं जो मुस्लिमों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं, तेलुगु देशम पार्टी मुस्लिमों के कल्याण, उत्थान के लिए संकल्पित है। हम सरकार से ये अपील करते हैं कि वक्फ बोर्ड का कम्पोजिशन तय करने के लिए राज्य सरकारों को छूट मिले और नियम बनाने की छूट मिले। हम वक्फ बिल का समर्थन करते हैं।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जताई कड़ी आपत्ति
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने बिल पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने बिल की निंदा करते हुए कहा, ‘अगर यह बिल संसद में पास हो जाता है, तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। हम अपने पास उपलब्ध सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का उपयोग करेंगे। जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं लिए जाते, हम शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे। बिल भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक रूप से प्रेरित है। वक्फ का इंतजाम अब मुसलमान के हाथ से लेकर सरकार को दे दिया गया है। जेपीसी सिर्फ एक ढोंग है, फरेब है, लॉ बोर्ड के प्रवक्ता इलियास ने कहा कि ये बिल पास हुआ तो देशव्यापी अभियान चलाएंगे. जितने भी कानूनी रास्ते हैं, सभी अपनाएंगे. जब तक ये बिल वापस नहीं ले लिया जाएगा, शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन करेंगे,पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब ने कहा कि बाबरी मस्जिद की शहादत एक मस्जिद का मसला था, 25 फीसदी जमीनों पर कब्जा हो गया। जो थोड़ा बहुत है, उसकी कमाई से मस्जिदों की देखभाल और इमाम की तनख्वाह देते हैं।
