नैनार नागेंद्रन तमिलनाडु की राजनीति में एक प्रमुख भाजपा नेता हैं, जिनका राजनीतिक सफर और हालिया गतिविधियाँ राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय रही हैं।
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तमिलनाडु दौरे के दौरान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद के लिए नैनार नागेंद्रन का नाम चर्चा में आया है। यह कदम पार्टी में जातीय और गठबंधन संतुलन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि नागेंद्रन थेवर समुदाय से आते हैं, जो राज्य में महत्वपूर्ण वोट बैंक है।
भा.ज.पा. की रणनीति:
भा.ज.पा. दक्षिण भारत में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बढ़ाने के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है। नागेंद्रन की नियुक्ति से पार्टी को राज्य में जातीय संतुलन और गठबंधन राजनीति में लाभ मिल सकता है, जिससे आगामी चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है।
राजनीतिक यात्रा:
- AIADMK में शुरुआत: नागेंद्रन ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अन्नाद्रमुक (AIADMK) से की थी। 2001 में तिरुनेलवेली विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री जयललिता ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया। उन्हें बिजली, उद्योग और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रभार सौंपा गया था।
- भा.ज.पा. में शामिल होना: 2016 में जयललिता के निधन के बाद AIADMK में आंतरिक कलह बढ़ गई। नागेंद्रन ने पार्टी की दिशाहीनता के कारण अगस्त 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) जॉइन की। भा.ज.पा. में शामिल होने के बाद, उन्हें राज्य स्तरीय उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी दी गई।
- विधायक के रूप में प्रदर्शन: 2021 के विधानसभा चुनाव में, भा.ज.पा. और AIADMK के गठबंधन के तहत, नागेंद्रन ने तिरुनेलवेली सीट से चुनाव लड़ा और DMK उम्मीदवार को 23,107 मतों के अंतर से हराकर विधायक बने।
प्रदेश अध्यक्ष पद की संभावना:
हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तमिलनाडु दौरे के दौरान, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के पद के लिए नैनार नागेंद्रन का नाम सामने आया है। यह कदम पार्टी में जातीय और गठबंधन संतुलन को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, क्योंकि नागेंद्रन थेवर समुदाय से आते हैं, जो राज्य में महत्वपूर्ण वोट बैंक है।
विवादास्पद बयान:
2022 में, नागेंद्रन ने तमिलनाडु को दो हिस्सों में विभाजित करने का सुझाव दिया था, जिससे राज्य को केंद्र से अधिक फंड मिल सकें। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों ने आलोचना की थी।
नैनार नागेंद्रन की राजनीतिक यात्रा में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं। AIADMK से लेकर भा.ज.पा. तक, उन्होंने विभिन्न राजनीतिक परिवर्तनों का सामना किया है। प्रदेश अध्यक्ष पद की संभावित नियुक्ति से उनकी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ सकता है, जो तमिलनाडु की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है
