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Murshidabad Violence: अब तक 200 उपद्रवी गिरफ्तार, TMC-BJP का आरोप प्रत्यारोप जारी

Murshidabad Violence

वक्‍फ संशोधन कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद(Murshidabad Violence) में भड़की हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया है। विरोध प्रदर्शन के बीच भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि काफी लोग घायल हुए हैं। हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तारियों की कुल संख्या 200 को पार कर गई है, राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस सिलसिले में सोमवार को यह जानकारी दी। राज्य पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले में गिरफ्तारियां 200 से अधिक हो गई हैं। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद(Murshidabad Violence) और मालदा जिलों में अशांत इलाकों में स्थिति अब सामान्य है। उन्होंने आगे कहा, ‘अशांत इलाकों में लगातार रूट मार्च किए जा रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। स्थिति तेजी से सामान्य हो रही है। दुकानें और प्रतिष्ठान खुलने लगे हैं।

बंगाल में अब कोई सुरक्षित नहीं है और राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए-BJP

भाजपा ने इस हिंसा को लेकर ममता सरकार पर आरोप लगाया है कि मुर्शिदाबाद(Murshidabad Violence) के हालात भयावह बने हुए हैं और कई हिन्दू परिवारों को वहां घर छोड़कर भागना पड़ा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने कहा है कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर कट्टरपंथी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 400 लोग पलायन करने को मजबूर हुए हैं और उन्होंने धुलियान से भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण ली है। इस समय केंद्रीय बल की 8 टीमें बंगाल में तैनात कर दी गई हैं, कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी नाराजगी जाहिर की है। सीएम ममता बनर्जी का आरोप है कि राजनीति से प्रेरित होकर कुछ लोग दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि बंगाल में अब कोई सुरक्षित नहीं है और राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए।

तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर लगाए हिंसा भड़काने के आरोप

वहीं इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा, “हमें कुछ इनपुट मिल रहे हैं कि मुर्शिदाबाद हिंसा(Murshidabad Violence) की घटनाओं के पीछे एक बड़ी साजिश थी। केंद्रीय एजेंसियों के कुछ हिस्से, बीएसएफ का एक हिस्सा और दो या तीन राजनीतिक दलों का एक हिस्सा इस साजिश में शामिल था। बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से सीमा में सेंध लगाई गई। कुछ उपद्रवी घुस आए, अराजकता फैलाई और उन्हें वापस जाने के लिए सुरक्षित रास्ता दिया गया। मैं ‘सीमा’ और ‘बीएसएफ की एक टुकड़ी की मदद से’ शब्दों का इस्तेमाल करता हूं; यह सच है या नहीं, इसकी उचित जांच की जरूरत है।

11 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ भड़की थी हिंसा 

मुर्शिदाबाद के सुती, धुलियां, शमशेरगंज और जंगीपुर इलाकों में शुक्रवार 11 अप्रैल को वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा(Murshidabad Violence) भड़क उठी थी। हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। जिसमें एक पिता और पुत्र की नृशंस हत्या कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद एक प्रदर्शन की तैयारी की गई थी। इसी कड़ी में शमशेरगंज में डाकबंगला मोड़ से सुतिर सजुर मोड़ तक राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के एक हिस्से को ब्लॉक तक कर दिया था। अब जब तक सिर्फ सड़क पर अवरोध किया गया, प्रदर्शन हिंसक नहीं हुआ था। लेकिन फिर प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस वैन पर पथराव कर दिया। अब किस कारण से यह पथराव हुआ, स्पष्ट नहीं, लेकिन इतना जरूर है कि उस एक घटना के बाद ही प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया।

Mayank Dwivedi
Author: Mayank Dwivedi

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