पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पिछले दो हफ्तों से भारत और पाकिस्तान(Pakistan) में तनाव चरम पर था। पाकिस्तान की इस नापाक हरकत का जवाब देने के लिए पहले भारत ने कूटनीतिक रास्ता अपनाया और पाकिस्तान के साथ अपने तमाम रिश्ते तोड़ दिए। जिसमें सिंधु जल समझौते को भी रद्द करना शामिल था। इसके बाद 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया और तीन दिन तक भारतीय सेना(Indian Army) ने जमकर तबाही मचाई और पाकिस्तानी सेना और आंतिकयों के पोस्ट को तबाह कर दिया। लेकिन इस बीच शनिवार शाम नाटकीय अंदाज में युद्ध विराम की घोषणा हुई। अचानक भारत और पाक के बीच सीमाओं को लांघ चुकी चार दिन की गर्मागर्मी पर शांति की शीतलहर चढ़ गई। दोनों देश शनिवार शाम पांच बजे से एक दूसरे पर वार-पलटवार न करने पर राजी हो गए।
आपसी बातचीत के बाद हुई युद्धविराम का फैसला- विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दोनों देश आपस में बातचीत के बाद इस पर सहमत हुए। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शाम तीन बजकर 35 मिनट पर भारतीय डीजीएमओ से फोन पर बात की और फिर संघर्ष विराम पर बात बनी। इस लाइन पर गौर करें। क्योंकि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम की खबर ट्रंप ने ब्रेक की और यह कहते हुए ब्रेक की कि अमेरिका ने मध्यस्थता कर इसे करवाया है। अमेरिका इसका क्रेडिट ले रहा है, लेकिन भारत ने इसे खारिज किया है। भारत सरकार ने आज ये भी निर्णय लिया है कि भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले को भारत के खिलाफ एक्ट ऑफ वॉर माना जाएगा। यानी इसे भारत के खिलफ युद्ध माना जाएगा। भारत सरकार आतंक फैलाने वाले दुश्मन देश को युद्ध की तरह जवाब दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च कर भारत ने आतंकी ठिकानों को किया तबाह
भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए दुनियाभर में ये संदेश दिया कि भारत अपनी धरती पर किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत(Indian Army) ने पाकिस्तान के घर में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इस ऑपरेशन के जरिए भारत यह स्पष्ट संदेश देने में कामयाब रहा कि आतंक को वह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगा और उसका मुंहतोड़ जवाब देगा। भारत ने पाकिस्तान पर पहली और आखिरी मिसाइल दागी और पाकिस्तान को सीजफायर के लिए घुटनों पर लाया।
इंडियन आर्मी ने पाकिस्तानी एयरफोर्स की तोड़ी कमर
भारत की कार्रवाई से आतंकियों को तो नुकसान पहुंचा ही साथ ही पाकिस्तानी सेना को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा। पाकिस्तान में घुसकर भारत ने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के हेडक्वार्टर भी शामिल थे यानी भारत(Indian Army) ने टेरर कैंप को नष्ट करके पाकिस्तान प्रायोजित आतंक की कमर तोड़ दी। वहीं सेना के नुकसान की बात करें तो पाकिस्तानी एयरफोर्स को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा। अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के 7 एयरबेस पूरी तरह तबाह हो चुके हैं। इनमें 5 एयरबेस और 2 रडार बेस शामिल हैं। इनमें नूर खान एयरबेस रावलपिंडी, रहमियार खान मुस्तफाबाद ,पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में का मुरीद एयबेस, रहमियार खान, रफीकुई, मुरीद एयर बेस शामिल हैं। पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मार गिराए गए हैं, ड्रोन लॉन्चपैड तबाह, AWACS सिस्टम नष्ट, हजारों करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण बर्बाद किए जा चुके हैं।
भारत ने दुनिया को बताया हम पीछे हटने वाले नहीं
भारत ने पाकिस्तान पर एक्शन लेकर एक मजबूत राष्ट्र के रूप में अपनी धमक दिखाई है। भारत पहला ऐसा देश बना है जिसने परमाणु संपन्न देश के भीतर घुसकर इस तरह का ऑपरेशन चलाया। भारत की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, पाकिस्तान को इस टकराव में आर्थिक मोर्चे पर भी गहरा झटका लगा है।एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के साथ बढ़े तनाव के चलते पाकिस्तान को करोड़ों रुपये का कारोबारी नुकसान उठाना पड़ा है। यानी पाकिस्तान ने एक तरफ युद्ध में हथियार गंवाए, तो दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर भी खुद को कमजोर कर लिया। जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे यह नुकसान बढ़ता जाएगा, पाकिस्तान के लिए उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होता जाएगा।
