देश के कई हिस्सों में एक बार फिर मौसम का मिजाज(Weather Update) बदलने वाला है। दिल्ली एनसीआर में कभी धूप हो रही है तो बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। वहीं अचानक से बादलों की एंट्री के साथ ही लोगों को राहत है। ॉआईएमडी का पूर्वानुमान है कि 9 राज्यों में अगले 24 घंटों में गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है। कुछ इलाकों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने बारिश को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।
इन 9 राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट
बीते दिनों दिल्ली में बारिश हुई थी। यूपी के कई जिलों में तेज हवा के साथ बारिश(Weather Update) दर्ज की गई। अभी भी कई इलाकों में बादलों का डेरा है। उत्तर पूर्व के कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने बिहार-छत्तीसगढ़ समेत 14 राज्यों में आंधी-बारिश की चेतावनी जारी की है। गुजरात, असम समेत 9 राज्यों में तेज बारिश का अलर्ट है। वहीं, झारखंड और उत्तर प्रदेश में एक बार फिर गर्मी बढ़ सकती है और यहां उमस की संभावना है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे। इसके अलावा राजस्थान और गुजरात में भी भीषण गर्मी का अलर्ट जारी किया गया है। तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। गरम तेज हवाएं चलेंगे। उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदल सकता है। कहीं-कहीं बादल गरजने के साथ ही बिजली गिरने ओलावृष्टि और हल्की बारिश की संभावना जताई गई है। उत्तरकाशी चंपावत नैनीताल पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं बारिश हो सकती है। देहरादून में सुबह से ही तेज धूप खिली रहेगी।
भारत में कब दस्तक देगा मॉनसून?
मौसम विभाग ने आगे जानकारी दी कि अगले तीन से चार दिनों में दक्षिण अरब सागर, मालदीव और कोमोरिन क्षेत्र के अधिकतर भाग, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के अधिकतर क्षेत्रों, संपूर्ण अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, अंडमान सागर के शेष भागों और मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में मॉनसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। प्राथमिक वर्षा प्रणाली के सामान्य तिथि 01 जून से पहले, 27 मई को केरल पहुंचने की संभावना जताई गई है। यदि यह पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो 2009 के बाद यह पहला मौका होगा जब मॉनसून भारतीय भूमि पर समय से पहले दस्तक देगा। 2009 में मॉनसून 23 मई को केरल में शुरू हुआ था। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 01 जून तक केरल में प्रवेश करता है और लगभग एक महीने बाद 08 जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू होता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।
