विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति की सोमवार को बैठक हुई। इस दौरान विदेश सचिव विक्रम मिसरी से सांसदों ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) और उसके बाद सीजफायर,डोनाल्ड ट्रंप के दावे,पाकिस्तान की परमाणु हमले की धमकी और चीन के पाकिस्तान का साथ देने सहित कई सवाल पूछे। इस बैठक के दौरान विदेश सचिव मिसरी की ट्रोलिंग का मुद्दा भी उठा और सांसदों ने कहा कि इसकी निंदा की जानी चाहिए। सांसदों के सवाल के जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सीजफायर में ट्रंप की भूमिका और पाकिस्तान, तुर्की से साथ तनावपूर्ण संबंधों समेत कई मुद्दों पर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा कि भारत-पाक के बीच मध्यस्थता को लेकर किए जा रहे ट्रंप के दावे सही नहीं हैं।
‘पाकिस्तान ने परमाणु हमले को लेकर कोई संकेत नहीं दिया’
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संसदीय समिति को बताया है कि भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का करारा जवाब दिया है। आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया गया। विक्रम सचिव ने यह भी बताया कि पाकिस्तान को हमले(Operation Sindoor) की जानकारी दी गई थी। बैठक के दौरान संसदीय समिति ने कुछ सदस्यों से विक्रम मिसरी से पूछा कि क्या पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के न्यूक्लियर हमले की कोई धमकी दी गई थी? इस पर विदेश सचिव ने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से किसी तरह के न्यूक्लियर हमले की धमकी नहीं दी गई थी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने ने कहा कि पाकिस्तान ने परमाणु हमले को लेकर कोई संकेत नहीं दिया था। भारत-पाकिस्तान में हमेशा पारंपरिक रूप से लड़ाई होती है।
‘भारत ने कभी भी युद्ध विराम के लिए अमेरिका से संपर्क नहीं किया’
वहीं मिलिट्री कार्रवाई रोकने का फैसला दोनों देशों का था। वहीं, कुछ विपक्षी सदस्यों ने सवाल किए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बार-बार लड़ाई रुकवाने में खुद और अपने प्रशासन रोल बताया। मिसरी ने सरकार के रुख को दोहराया कि सैन्य कार्रवाई(Operation Sindoor) रोकने का निर्णय द्विपक्षीय स्तर पर लिया गया था, क्योंकि कुछ विपक्षी सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से संघर्ष को रोकने में उनके प्रशासन की भूमिका को लेकर बार-बार किए गए दावों को लेकर सवाल उठाया था। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खुद ही बयान जारी किए। भारत ने कभी भी युद्ध विराम के लिए किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने के लिए अमेरिका से संपर्क नहीं किया। संघर्ष के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सभी संपर्क डीजीएमओ स्तर पर थे।
विदेश सचिव के कामों की समिति ने की जमकर तारीफ
विदेश सचिव ने संसदीय समिति को जानकारी कि ऐतिहासिक रूप से तुर्किए के साथ भारत के संबंध बीते कई दशकों से अच्छे नहीं रहे हैं। पाकिस्तान के साथ कैसे रिश्ते हैं, ये बताने की जरूरत नहीं है। कुछ सांसदों ने पूछा कि क्या पाकिस्तान ने संघर्ष में चीनी मंचों का इस्तेमाल किया है। मिसरी ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि भारत ने पाकिस्तानी हवाई ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत-पाकिस्तान मसले में बैठक में समिति ने विदेश सचिव पर साइबर माध्यमों से हमले और उनके परिवार को लेकर ट्रोलिंग की निंदा की। ऑपरेशन के दौरान विदेश सचिव के कामों की समिति ने जमकर तारीफ की।
पहलगाम हमले के विरोध में भारत ने चलाया Operation Sindoor
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान पोषित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की जान ले ली। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान और गुलाम कश्मीर में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया। इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक सैन्य तनाव की स्थिति पैदा हो गई। भारत के एक्शन में पाकिस्तानी एयरबेसों को निशाना बनाया था। 10 मई की शाम 5 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने X पर इसका ऐलान किया था।
