प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जिनेवा में वर्ल्ड हेल्थ असेंबली(World Health Assembly ) के 78वें सत्र को संबोधित किया, जिसकी थीम ‘वन वर्ल्ड फॉर हेल्थ’ है। यह वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि उन्होंने 2023 में भी इस मंच से ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ की अवधारणा रखी थी, जिसे अब वैश्विक स्तर पर व्यापक समर्थन मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “जून में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष इसका थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है। दुनिया को योग देने वाले देश से होने के नाते, मैं सभी देशों को इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित करता हूं।
PM Modi ने किया आयुष्मान भारत योजना का ज़िक्र
पीएम मोदी(PM Modi) ने कहा कि एक स्वस्थ विश्व का भविष्य समावेशिता, समन्वित दृष्टिकोण और सहयोग पर टिका है। उन्होंने बताया कि भारत की नीतियों में यही मूल्य मूलभूत हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना का ज़िक्र करते हुए बताया कि यह दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसमें 580 मिलियन (58 करोड़) लोग शामिल हैं। अब इसमें 70 वर्ष से अधिक उम्र के सभी नागरिकों को भी शामिल किया गया है, जो बुजुर्गों की स्वास्थ्य सुरक्षा को और मजबूत करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास हजोरों स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का एक नेटवर्क है। वे कैंसर, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों की जांच और पता लगाते हैं। हजारों सार्वजनिक फार्मासिस्ट मार्केट वैल्यू से बहुत कम कीमत पर हाई क्वालिटी वाली दवाइयां उपलब्ध कराते हैं।”
तकनीक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में एक अहम भूमिका निभा रही है-PM Modi
पीएम मोदी ने आगे कहा, “दुनिया का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम सबसे कमजोर लोगों की कितनी अच्छी तरह देखभाल करते हैं. वैश्विक दक्षिण विशेष रूप से स्वास्थ्य चुनौतियों से प्रभावित है। भारत का दृष्टिकोण अनुकरणीय, मापनीय और टिकाऊ मॉडल प्रदान करता है। हमें अपनी लर्निंग और बेस्ट प्रैक्टिस को दुनिया, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करने में खुशी होगी। पीएम मोदी ने बताया कि तकनीक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में एक अहम भूमिका निभा रही है। भारत में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के टीकाकरण को ट्रैक करने के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया गया है। आज लाखों भारतीयों के पास डिजिटल हेल्थ आईडी है, जो बीमा, उपचार, रिकॉर्ड और सूचनाओं को एकीकृत करने में मदद कर रही है। इसके अलावा भारत की मुफ़्त टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से अब तक 340 मिलियन (34 करोड़) से अधिक परामर्श हो चुके हैं।
