ज्योति मल्होत्रा: एक यूट्यूबर से अंतरराष्ट्रीय जासूसी नेटवर्क तक की कहानी
🧑💻 कौन हैं ज्योति मल्होत्रा?
ज्योति मल्होत्रा हरियाणा के हिसार की रहने वाली एक यूट्यूबर और ट्रैवल ब्लॉगर हैं, जो ‘ट्रैवल विद-जो’ नामक यूट्यूब चैनल चलाती थीं। वे भारत के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करती थीं और अपने अनुभवों को वीडियो के माध्यम से साझा करती थीं।
🕵️♀️ जासूसी के आरोप और गिरफ्तारी
17 मई 2025 को, ज्योति को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनकी गिरफ्तारी के बाद, मिलिट्री इंटेलिजेंस, NIA और IB जैसी एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की। जांच में पता चला कि वे पाकिस्तान के खुफिया एजेंटों के संपर्क में थीं और संवेदनशील जानकारी साझा कर रही थीं।
📜 कबूलनामा: पाकिस्तान से संपर्क और गतिविधियाँ
ज्योति ने अपने कबूलनामे में बताया कि उन्होंने 2023 में पाकिस्तान जाने के लिए वीजा प्राप्त करने के संबंध में दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन का दौरा किया था, जहां उनकी मुलाकात अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई। इसके बाद, उन्होंने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की, जहां वे दानिश के कहने पर अली हसन से मिलीं। अली हसन ने उनकी मुलाकात पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अधिकारियों से करवाई, जिनमें शाकिर और राणा शहबाज शामिल थे। ज्योति ने शाकिर का मोबाइल नंबर ‘जट रंधावा’ के नाम से सेव किया ताकि किसी को शक न हो।
📱 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संपर्क
भारत लौटने के बाद, ज्योति व्हाट्सऐप, स्नैपचैट और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंटों के संपर्क में रहीं। वे संवेदनशील जानकारी साझा करती रहीं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ।
🧳 बांग्लादेश यात्रा की योजना
जांच में यह भी सामने आया कि ज्योति ने बांग्लादेश जाने के लिए आवेदन किया था। हालांकि, आवेदन पत्र में तारीख दर्ज नहीं थी, लेकिन इससे संकेत मिलता है कि वे बांग्लादेश में भी अपनी गतिविधियाँ विस्तारित करना चाहती थीं।
📔 डायरी में मिले संदिग्ध संदेश
ज्योति की डायरी में “सविता, घर का ख्याल रखना…आई लव यू” जैसे संदेश मिले, जिन्हें कोड वर्ड माना जा रहा है। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान की संस्कृति और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की प्रशंसा करते हुए भारत-पाकिस्तान के बीच बेहतर संबंधों की अपील की थी।
🔍 जांच और आगे की कार्रवाई
ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी के बाद, सुरक्षा एजेंसियाँ उनके संपर्कों और गतिविधियों की गहन जांच कर रही हैं। उनके मोबाइल फोन और डिजिटल उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि और जानकारी प्राप्त की जा सके।
यह मामला दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके विदेशी एजेंसियाँ संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करती हैं। सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हैं और ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर रही हैं।
