Monsoon Update 2025: अगले 24 घंटे में केरल में मानसून(Monsoon 2025) की एंट्री होने वाली है। इस बार मॉनसून अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले पहुंच रहा है जिसके बाद बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। इस साल केरल में मानसून(Monsoon 2025) का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी होने वाला है। राज्य में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां तैयार हो गई हैं। पिछले दो दिनों में केरल के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। यह कम दबाव वाले क्षेत्र और आगे बढ़ते मानसून सिस्टम के संयोजन के कारण हुई है।
16 साल में पहली बार इतनी जल्दी मॉनसून की एंट्री
बीते 16 सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब केरल में मानसून(Monsoon 2025) इतनी जल्दी दस्तक देने जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, इस बार बारिश तेज़ होगी और पूरे देश के अलग-अलग हिस्सों में इसका असर दिखने लगा है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पिछली बार केरल में मानसून इतनी जल्दी साल 2001 और 2009 में पहुंचा था, जब ये 23 मई को आया था। इस बार भी यही रिकॉर्ड दोहराया जा रहा है। आम तौर पर केरल में मानसून 1 जून को आता है, लेकिन इस बार यह 24 मई के आसपास पहुंच रहा है। हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी। देरी से मानसून(Monsoon 2025) के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।
IMD ने जारी किया अलर्ट
आईएमडी ने मुताबिक, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश के साथ ही दक्षिण, मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों और पूर्वोत्तर राज्यों में 22 से 27 मई के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून(Monsoon 2025) के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। IMD ने केरल, तटीय कर्नाटक और गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी है। तेज़ हवाएं 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकती हैं। 29 मई तक इन इलाकों में तेज़ बारिश और तूफानी हवाएं चल सकती हैं। गोवा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, और लोगों से नदियों-झरनों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
25 से 30 जून के बीच उत्तर भारत में मानसून का आगमन
देश के कुछ हिस्सों में चल रही गर्मी की स्थिति से राहत मिलने की व्यापक उम्मीद के बीच मानसून(Monsoon 2025) की प्रगति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अभी तक, मानसून की राह में कोई बड़ी देरी या विचलन नहीं देखा गया है। यह भारत भर में कृषि के लिए बारिश पर निर्भर क्षेत्रों के लिए सकारात्मक खबर है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, सब कुछ ठीक रहा तो 4 जून से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात सहित मध्य भारत के बड़े हिस्से में भी बारिश शुरू हो जाएगी। जहां तक उत्तर भारतीय राज्यों की बात है, तो इस क्षेत्र में 25 से 30 जून के बीच मानसून(Monsoon 2025) के आगमन की संभावना आईएमडी ने जताई है। यह क्षेत्र देश के दक्षिणी और मध्य भागों की तुलना में मौसमी बदलाव को थोड़ा देर से दर्शाता है। पश्चिमी भारत में 15 से 20 जून के बीच मानसून की बारिश होने का अनुमान है।
