भारत और पाकिस्तान के बीच बीते दिनों हुए संघर्ष को लेकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने एक बड़ा बयान दिया है। CDS अनिल चौहान ने कहा कि कोई भी युद्ध बगैर किसी नुकसान के नहीं लड़ा जा सकता है। भारत ने पाकिस्तान को जिस प्रभावी तरीके से जवाब दिया उसकी सराहना हो रही है। अनिल चौहान ने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor ) के दौरान भारतीय सेना पूरी तरह तर्कसंगत थी, ऐसे में परमाणु युद्ध का सवाल नहीं उठता है। क्योंकि अघोषित-युद्ध में परमाणु युद्ध का कोई तर्क नहीं होता है। उन्होंने ये भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान लगातार झूठ फैला रहा था और इसको काउंटर करने में 15 प्रतिशत समय लग गया।
भारत के फाइटर जेट गिराने के पाकिस्तानी दावे झूठे
Operation Sindoor के बाद से कुछ लोगों जहन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। पाकिस्तान भी दावे कर रहा है कि उसने भारत के फाइटर जेट गिराए हैं। इसी कड़ी में अब सेना की तरफ से जवाब आ गया है। सेना ने पहली बार कबूल किया है कि हां पाकिस्तान के साथ हुई झड़प में फाइटर गिरे हैं। हालांकि पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे 6 विमानों को गिराने के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा,’जरूरी ये नहीं है कि कितने जेट गिराए गए, बल्कि यह देखना जरूरी है कि वो क्यों गिरे।’ CDS ने कहा,’हमने अपनी गलती पहचानी, उसे सुधारा और दो दिन के अंदर फिर से सभी विमान उड़ाए और लंबी दूरी पर सटीक निशाने लगाए।’ सीडीएस ने पाकिस्तान के इस दावे को गलत बताया कि उसने छह भारतीय लड़ाकू विमान गिराए। हालांकि जनरल चौहान ने यह नहीं बताया कि भारत ने कितने विमान गंवाए। यह पहली बार है जब भारत की तरफ से किसी टॉप अफसर ने पाकिस्तान के साथ जंग में अपने लड़ाकू विमानों के नुकसान को सार्वजनिक रूप से कबूल किया है।
सशस्त्र बलों का 15% समय उन फर्जी खबरों का मुकाबला करने में लगा
सीडीएस अनिल चौहान ने शांगरी-ला डायलॉग के दौरान कहा कि फर्जी खबरों का मुकाबला करने का हमने निरतंर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों का 15% समय उन फर्जी खबरों का मुकाबला करने में चला गया। सीडीएस ने कहा भारत ने हमेशा अपने नैरेटिव को ठोस आधार पर बनाया है, भले ही हम कभी-कभी उन्हें प्रस्तुत करने में धीमे रहे हों। उन्होंने कहा, ‘इन ऑपरेशनों (Operation Sindoor ) में सीधे तौर पर शामिल होने के नाते मैं कह सकता हूं कि साइबर ने संघर्ष में भूमिका निभाई, लेकिन इसका प्रभाव सीमित था।’ बता दें कि ऑपरेशन के दौरान एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने गलत सूचना फैलाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की थी।
स्वदेशी हथियारों ने भारत का दिया साथ
जनरल चौहान ने साफ तौर से कहा कि भले ही पाकिस्तान ने चीन की कॉमर्शियल सैटेलाइट की मदद ली हो लेकिन इस बात का कोई प्रूफ नहीं मिला है कि चीन ने रियल-टाइम (ड्रोन और मिसाइल) हमले में मदद की हो। वहीं सीडीएस ने कहा कि भारत पूरी तरह से आकाश जैसे स्वदेशी हथियारों पर निर्भर था जिन्हें विदेश से लिए गए रडार सिस्टम से इंटीग्रेट किया गया था। सीडीएस ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साइबर ऑपरेशन्स का बेहद सीमित रोल था। सीडीएस ने बताया कि टकराव के दौरान पाकिस्तान की तरफ से साइबर अटैक हुए थे, जिनसे पब्लिक प्लेटफॉर्म जरूर प्रभावित हुए थे, लेकिन मिलिट्री सिस्टम पर कोई असर नहीं पड़ा।
